आज बताता हूँ What I Think on Assembly Constituencies General Election December 2023, दिसंबर 2023 General Election, में सभी विश्लेषण फ़ैल क्यों हुए?
जैसा कि आप जानते है कि General Election to Assembly Constituencies का आज चुनाव रिजल्ट के शुरुआती परिणाम दिखने लगे है, और अभी समय 11 बजे, १२, दिसंबर 2023 का है। मेरा राजनीति से उतना ही लेना देना है, जितना एक रिक्शे चलाने वाले को, पंचर जोड़ने वाले को, और किसी दुकान या कंपनी चलाने वाले को होता है। फिर भी मैं मध्यप्रदेश के ग्वालियर संभाग से सम्बन्ध रखने के नाते, अपने क्षेत्र में चल रही बातों के हिसाब से कुछ न कुछ तो बोल ही सकता हूँ।
तो आज बताता हूँ What I Think on Assembly Constituencies General Election December 2023.
मेरे इस व्यक्तिगत विचार से, और सोचने से आपको वे बातें भी पता चल सकती है जो मीडिया और नेता लोग कभी नहीं बताते है।
विचारधारा -
देश की ज्यादातर पार्टियाँ अपनी विशेष विचारधारा से शुरू होती है, और देश पर राज करना चाहती है। ये विचारधारा झूठ फैलाने से उपजे भ्रम के कारण बनी होती है, और ये पार्टियाँ अपनी उसी विचारधारा को सत्य बताने की कोशिश करती रहती है।
झूठ बोलना राजनीति या सामाजिक जीवन में अधर्म है, लेकिन उससे भी बड़ा अधर्म उस झूठ में जीने लगना है।
उदाहरण के लिए -
एक राज्य में अमुक पार्टी गाय, भैंस, ऊंट, बैल, बकरी, पक्षी के मांस को पकाने, खाने को लेकर पार्टी करती है तो वही पार्टी दूसरे राज्य में गले में रुद्राक्ष और जनेऊ की माला पहनकर झूठ बोलती है, जो स्वयं उस धर्म को कभी शान से काल्पनिक बताते थे।
जनता में फ़ूट -
देश की ज्यादातर पार्टियाँ, जनता में फूट डालकर राज करती है और कहती है कि वे अमुक जाति, अमुक धर्म के लोगो के आर्थिक और सामजिक जीवन में अधिकारों की लड़ाई लड़ रही है। जबकि ये पार्टियां उनके आर्थिक और सामजिक जीवन में सुधार के नाम पर, भारत के सीधे साधे लोगो से उनका धर्म, और जमीन छीन लेती है। यहाँ धर्म से तात्पर्य धर्म-परिवर्तन से है, और जमीन से तात्पर्य एक धर्म के लोगो में फुट डालकर उसे ख़त्म करके अन्य धर्मो को बसाकर उनकी जमीने छीनने से है।
उदाहरण के लिए -
आप उन पार्टियों का कार्यकाल देखे जिनके राज में एक बोरी चावल, शराब, पढाई और नौकरी के नाम पर पैसे देकर धर्म परिवर्तन कराना, सम्मान माना जाता था। आज उन जगहों पर उनके मूल-निवासियों का नामोनिशान ख़त्म हो चुका है। ऐसे लोग धर्म को अफीम और देशभक्ति या राष्ट्रवाद में अति शब्द जोड़कर उसे कट्टरता का नाम देकर, दुगुना भ्रमित करते है।
धार्मिक तुष्टिकरण -
यही पार्टियां जनता में कहती है, कि आपका धर्म अन्धविश्वास है, अमुक धर्म ने आपके आर्थिक और सामजिक अधिकार छीने है। इस प्रकार से वे धर्म परिवर्तन को बढ़ाबा देते है ताकि भारत के लोगो की एकजुटता अर्थात जिस धर्म से वे जुड़े रहते है, अपना मानव धर्म निभाते है उसी धर्म के लिए, पार्टियों के नेता अपने स्वयं के पहले के धर्म को अंधविश्वास बताते है, लेकिन वे स्वयं दूसरे धर्म के त्यौहार पर सिर्फ स्वार्थ के लिए उनके घर में हड्डी चाटने पहुंच जाते है।
ये राजनीतिक पार्टियाँ एक राज्य में अमुक धर्म को ख़त्म करने के लिए शराब और हड्डियों की पार्टी (बीफ पार्टी ) सहारा लेती है, तो दूसरे राज्य में मंदिर-मंदिर घूमकर लोगो को मुर्ख बनाते है।
हालाँकि ऐसे बहुत से कारण है, लेकिन यहाँ में What I Think on Assembly Constituencies General Election December 2023 के बारे में अपने कुछ विचार देना चाहता था कि झूठ क्या क्या फैलाये गए -
सरकारी कर्मचारियों में झूठ -
चम्बल संभाग में सरकारी कर्मचारियों में झूठ फैलाया गया कि ये सरकार आपके खिलाफ है, आपको रोज़ ऑफिस आना पड़ता है, ये सरकार, सरकारी कर्मचारी विरोधी है ।
आम जनता में झूठ -
चम्बल संभाग में आम जनता में झूठ फैलाया गया कि इसके लिए सोशल मीडिया के यूट्यूब चैनल, फेसबुक, ट्विटर में बने ग्रुप्स का सहारा लिया गया। सोशल मीडिया पर ऐसे ग्रुप बने हुए जिसमे सिर्फ सनातन धर्म के आस्तिक लोगो को छोड़कर सबकी प्रवेश होता है, उसमे आस्तिक लोगो को गालियां दी जाती है, नेताओ को गालियाँ दी जाती है, अलग अलग ग्रुप अलग अलग पार्टियों द्वारा जातिगत, नास्तिक, सामाजिक और आर्थिक सुधार के नाम पर चलाये जाते है।
लेकिन इतना तो विश्वास हो गया कि भारत के सभी लोग, चाहे वे किसी भी धर्म या जाति के हो, अगर वे सत्य-आचरण का पालन करते है और सत्य का साथ देते है, उनके लिए उनके ऊपर भगवान् का आशीर्वाद अवश्य होता है।
General Election में सभी Exit Poll फ़ैल क्यों हुए?
Wait मैं आराम से बतायूंगा। :-)
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