पहले Covid19 महामारी फिर Lockdown में अफवाह और अब Budget 2021, Blogger, Personal Blogging, Hindi Blogger
दुनियाँ के साथ साथ भारत में कोरोना महामारी -
महामारी ने हर देश की कमर तोड़ी है भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है। कमर का टूटना तो तय था क्युकी महामारी और भूकंप अपनी सीमाएं नहीं देखते। लेकिन जितना नुक्सान शायद चीन ने सोचा था उतना हुआ नहीं। क्युकी चीन को लगा जैसे ही भारत कोरोना से ग्रस्त होगा हमारी फ़ौज कश्मीर, लेह और लद्दाख और असम पर कब्ज़ा कर लेगी। लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
GOI द्वारा Lockdown की घोषणा और दिल्ली और मुंबई में अफवाह -
तभी किसी ने दिल्ली में अफवाह फैलाई की बसे चलने लगी है तो लोग बसों की तरफ भागने लगे। और दिल्ली की बसों से लोगो को बॉर्डर पर छोड़ा गया ऐसे लोगो के पास पैदल घर जाने के अलावा रास्ता नहीं बचा। फिर उन मजबूर लोगो की वीडियो ग्राफी और फोटो शूटिंग हुई जिसको दिखा दिखा कर देश के अन्य लोगो से ये बोला गया, की देखो सरकार ने सबको पैदल छोड़ दिया।
ऐसे हज़ारो यूट्यूब पर वीडियो पड़े है जहाँ दिल्ली में मोहल्ले में जाकर बोला गया की जिसको जाना है वो जा सकता है। उनको DTDC बसे प्रदान की गयी। lockdown में DTDC बसे कैसे चली किसी ने नहीं पूछा। मजदूर और मजबूर लोग विचारे क्या करते निकल पड़े। DTDC बसों ने लोगो को बॉर्डर पर छोड़ा और भाग गयी। मजदूर और मजबूर लोग पैदल ही घर की तरफ निकल पड़े।
फिर बाद में जो नेता और पत्रकार लोग गरीब गरीब चिल्लाते है उन्ही का झुण्ड पहुंच गया रोड पर मजदूर और मजबूर लोगो की वीडियोग्राफी और फोटो लेने के लिए।
लेकिन देश ने दया, क्षमा और कर्तव्य का पालन किया -
इन नेताओ और पत्रकारों ने पैदल चलने वालो की कितनी मदद की है ये सभी जानते है। सरकार मदद कर नहीं सकती थी क्युकी इससे भीड़ और ज्यादा बढ़ने के डर था। लेकिन देश के लोगो ने गरीबो को अकेले नहीं छोड़ा। कही पानी की व्यवस्था, कही भोजन की व्यवस्था, कही लंगर तो कही टेंट की व्यवस्था की।
कदम कदम पर सरकार का साथ -
एक तरफ केंद्र सरकार जहाँ सबको को चावल, गेहू, दाल, तेल फ्री में सबको बाँट रही थी। करीब करीब 80 करोड़ से ज्यादा लोगो को बांटा गया वो भी बिना किसी भेदभाव। क्युकी कच्चे अन्न के वितरण से परिवार का पेट भरता है और उसका हिसाब रखा जा सकता है।
तभी देश की राजधानी दिल्ली में गरीब जनता पका हुआ भोजन लेने के लिए कटोरा लेकर लाइन में खड़ी थी। लेकिन पके अन्न से आप 24 घंटे से ज्यादा पेट नहीं भर सकते, एक कटोरा में कितना अन्न आएगा ये सभी सोच सकते है। और तो और पके अन्न का कोई हिसाब भी नहीं रखा जा सकता।
लोगो से ऐसे आपातकाल के समय उनसे उनका मान सम्मान छीन लिया गया। वे खिचड़ी बटने का इन्तजार करते। जुग्गी झोपड़ियों से लोग हाथ में बर्तन लेकर खड़े हो जाते है। ऐसा लग रहा था, कि पूरी दिल्ली भिखारियों का शहर हो।
सफाई कर्मचारी, पुलिस और डॉक्टर एक तरफ बीमारी से लड़ रहे थे, केंद्र सरकार इनके पीछे सहारा बनकर खड़ी थी लोग सफाई कर्मचारी, पुलिस और डॉक्टर की इज्जत, सम्मान और सहयोग करे इसके लिए प्रधानमंत्री प्रेरित कर रहे थे। जिसके लिए उन्होंने सफाई कर्मचारी, पुलिस और डॉक्टर के लिए दीपक जलवाये, और थाली भी बजवाई।
सफाई कर्मचारी, पुलिस और डॉक्टर ने वो कर दिखाया जो शायद किसी अन्य देश सफाई कर्मचारी, पुलिस और डॉक्टर कर पाते। डॉक्टर महीनो तक घर नहीं गए। सफाई कर्मचारी बिना डरे अपना फ़र्ज़ निभा रहे थे और पुलिस कभी खाना पंहुचा रही, कभी देशभक्ति के गाना गा रही थी। ये अदर्भुत हिस्सा था मेरे जीवन का। जिसके कारण वैक्सीन की खोज भी जल्दी पूरी हो गई, और परिणाम स्वरुप बहुत ही प्रभावी वैक्सीन वनी है। सरकार और सरकार की प्रमुख एजेंसियो न की बेहतर काम किया है बल्कि हर भारतीय का भरोसा भी जीता है। जिसमे सफाई कर्मचारी, पुलिस और डॉक्टर प्रमुख है।
विकसित देशो की हालत और उनके द्वारा भारत की तारीफ -
इतनी बड़ी महामारी जिसमे विदेशो जिनके पास इतना पैसा है की विकसित देश कहलाते है उस महामारी के दौरान भारत ने दुनिया में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है जिसकी तारीफ बिल गेट्स ने और WHO प्रमुख ने भी की है। चूँकि ये भारत सरकार के लिए बहुत ही कठिन काम था।
इसलिए सरकार ने भी सबसे पहले वैक्सीन की व्यवस्था इनकी forntline लोगो के लिए की है। सफाई कर्मचारी, पुलिस और डॉक्टर पुलिस के लिए थाली बजाना एक गर्व का विषय रहेगा ज़िंदगी भर। उस माहमारी के दौरन डर के माहौल में सफाई कर्मचारी, पुलिस और डॉक्टर योगदान देश के लिए अविश्वसनीय था।
ऐसा नहीं है की बिलकुल सब ठीक ठाक है लेकिन अन्य देशो से फिर भी बेहतर है इससे आपको सुकून मिलेगा क्युकी फिर आपको ये सोचना होगा की जब सफाई कर्मचारी, पुलिस और डॉक्टर ने योगदान दिया ये तभी संभव हुआ अगर कही अन्य देश जैसे हालत यहाँ होते तो क्या होता। खैर छोडो
महामारी के दौरान सरकार के द्वारा वजट पेश करना -
सरकार ने कहा की लोगो की बुनियादी जरुरत पर अब खर्च 4.12 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5.54 लाख करोड़ रुपये और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र पर व्यय को 2020-21 के 94 हजार करोड़ रुपये के बजट अनुमान से बढ़ाकर 2.23 लाख करोड़ रुपये किया गया है।
स्वास्थ्य सेवा इस देश की सबसे बड़ी जरुरत रही लेकिन अब वो समय है की किसान के पास फसल के साथ साथ हेल्थ बीमा भी दे रही है ये दुनिया में सबसे बड़ी बीमा योजना है। 2014 से पहले इस बात को दिमाग में भी लाना भी मुश्किल था।
एक समय था जब छोटी-मोटी समस्या आने पर भी लोगो की जेब काट ली जाती थी, यहाँ इतना सब कुछ होने के बाद भी सरकार का घाटा बढ़ा है लेकिन लोगो के साथ सरकार आज भी खड़ी है ये 2021 के वजट को देखकर आसानी से समझा जा सकता है।
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