सुबह सुबह न्यूज़ पेपर देखा तो दिमाग झन्ना गया। खबर थी ASI श्री शंभू दयाल मीणा के शहीद होने की - मीणा जी को पहले सत सत नमन
आज अर्थात 11 जनवरी 2023 को सुबह सुबह न्यूज़ पेपर देखा तो दिमाग झन्ना गया। खबर थी ASI श्री शंभू दयाल मीणा के शहीद होने की। ये कोई बॉर्डर पर शहीद नहीं हुए बल्कि देश की अंदर के दुश्मन या कह लो अपराधी के हाथो शहीद हुए है. उनको ASI श्री शंभू दयाल मीणा जी को पहले सत सत नमन।
नेताओं के बसाये अपराधी? कैसे ?
इसे ऐसे समझिये -
देश की राजधानी में सैकड़ो झुग्गियां है, ये झुग्गियां रेलवे की जमीन, DDA की जमीन, रोड के किनारे, अस्पताल के पीछे, सरकारी स्कूल के आसपास और भी बहुत से जगहों पर। जिनमे ऐसे अपराधी किलो के हिसाब में मिलते है। इनमे से कुछ सटटा चलाते है। 24 घंटे शराब बेंचते है जिन्हे साहसी कहा जाता है। पैसो के मामलो में इनकी प्रॉपर्टी पड़ी होती है जिनमे से ये किराया भी खाते है। और हज़ारो गरीबो को जो देश के अलग अलग राज्यों से मजदूरी के लिए आते है उनको किराये पर सस्ते कमरे देते है। इनमे (गरीबों ) अगर जातिवाद ढूढ़ने जाओगे तो ब्राह्मण, ठाकुर समेत सभी जाति के गरीब मिलेंगे।
लेकिन कुछ नेता उन गरीबो को छोड़, इन्हे सबसे बड़ा गरीब समझती है जिनके मकान में लोग रह रहे है और उनकी सहायता के लिए उनके पैर चाटते रहते है क्युकी ये लोग एक जुट होकर उसी नेता को वोट देते है जो इनके यहाँ हज़ारी लगाता है।
क्या क्या सहायता मिलती है ? -
जिन्हे में देख सकता हूँ वो है -
- सरकार आपके टैक्स के पैसे से इन्हे फ्री में टैंकर से पानी पहुँचाती है।
- सरकार आपके टैक्स के पैसे से इन्हे फ्री में बिजली देती है।
- सरकार इन्हे वोट देने का अधिकार देती है। क्युकी ये किसी न किसी नेता का वोट बैंक है।
- सरकारी नौकरी में आरक्षण, केवल 40-50 प्रतिशत नंबर लाओ और सरकारी नौकरी पाओ।
- सरकारी नौकरी के एग्जाम के लिए कोई फीस नहीं। जबकि अन्य गरीबो को उस फीस के लिए पडोसी के सामने हाथ फैलाना पड़ता है।
- सरकारी नौकरी के एग्जाम के लिए आना जाना फ्री। जबकि अन्य गरीबो को उस फीस के लिए पडोसी के सामने हाथ फैलाना पड़ता है।
- फ्री में जमीन जिसे ये अपना कब्ज़ा समझते है। उस पर फ्लोर बनाकर किराया खाते है, बाद में बिल्डर ऊँचे दाम पर इन्हे बेंच कर निकल लेते है। मतलब एक अपराध के बाद दूसरे तरह का अपराध होता है जिसके शिकार मध्यम वर्ग के लोग होते है।
- उसी सरकारी जमीन पर ये दुकान या कुछ अच्छे और कुछ गंदे धंधे चलाते है जबकि देश के अन्य गरीब प्राइवेट फैक्टिरियों में मारे-मारे फिरते है।
और अन्य फायदे भी इन्हे मिलते है जो अन्य लोगो को मिलते है। इसीलिए इनकी झोपड़ी के ऊपर डिश ऐन्टेना और AC का फैन बड़े आराम से लगा दिखता है।
शायद यही कारण रहा होगा कि ज्यादातर नेता लोग जल्दवाजी में ASI श्री शंभू दयाल मीणा की बहादुरी की तारीफ तो कर रहे है, और उन्हें जल्दी से आर्थिक सहायता भी दे दी। ताकि कोई इनसे अपराधी के बारे में न पूछ ले कि -
वो कौन है ? कहाँ से आया? किसने बसाया? और उसका भरण पोषण कौन करता है। उनके नंबर दो का पैसा किन किन पार्टियों को जाता है। इत्यादि।
तो आप भी किसी ऐसे नेता या पार्टी को वोट देते है तो आप भी उतने ही दोषी है ऐसे अपराध के लिए।
नोट - यह पोस्ट व्यक्तिगत अभिव्यक्ति से उत्पन्न रचना है। किसी भी धर्म, जाति, संस्था, इत्यादि पर कोई आरोप प्रत्यारोप नहीं है।
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