क्या वास्को-डि-गामा ने सनातन धर्म के ग्रन्थ के लिखे है? Did Vasco-da-Gama write the scriptures of Sanatan Dharm?
नहीं, ये बात फिलाहल तो सच नहीं है लेकिन आने वाले भविष्य में इसे इतिहास बनाया जा सकता है। इससे पहले आपको मेरे साथ हुए हाल ही में एक छोटी घटना से समझना होगा। और ऊपर दिए गए प्रश्न का उत्तर में इस पोस्ट में दूंगा।
अगर आप सनातन धर्म से सम्बंधित है और घर में कथा, पूजा, हवन या कोई अन्य धार्मिक कार्यक्रम करवाते है, तो किसी भी अनुष्ठान से पहले पंडित जी, यजमान से अर्थात जो इसे पूरा करने संकल्प लेते है। मुझे भी संकल्प लेने के लिए बोला।
उन्होंने कुछ श्लोक बोले, जिसमे मुझे केवल इतना समझ आया - "जम्बूदीव, भारतवर्ष, भारत खंड में अमुक-अमुक जगह और अपना गोत्र बोलो"।
जम्बूद्वीपे भारतवर्षे भरतखण्डे आर्यावर्ते अमूक राज्यांतर्गत अमुक नगरे, अमुक
संवर्त, तिथि, अमुक नक्षत्/ काल, फिर अमुक नाम और गोत्र
मेने उस समय तो अपना अनुष्ठान व्रत पूर्ण किया लेकिन समाप्त होते ही मेने पंडित जी से प्रार्थना की कि - मुझे मेरे प्रश्नो के उत्तर बताये।
उन्होंने कहा ठीक है।
मेने पूछा - भारत की खोज तो 1498 में हुयी थी!, 1498 वह समय था जब वास्को-डि-गामा भारत आया. आज भी कुछ नेता उस बात को दोहराते है की पहले भारतवर्ष जैसा कुछ नहीं था। ये छोटे छोटे खंडो में विभक्त एक द्वीप था। जिसे आज़ादी के बाद एक राष्ट्र बनाया गया। राष्ट्रवाद की कोई भावना उस समय तक लोगों में नहीं थी।
पर में जानना चाहता हूँ अगर ये सच था तो फिर चाणक्य और महात्मा विदुर ने राष्ट्रनीति, देश, कर्तव्य के प्रवचन शायद किसने लिखे? फिर श्रीमद भगवद गीता में भारत शब्द, महाभारत में भारत शब्द, और संकल्प लेने वाले श्लोक में भारत शब्द की उत्पत्ति किसने की?
पंडित जी मुस्कराये और बोले - आज टेक्नोलॉजी का जमाना है। ये टेक्नोलॉजी ही छिपे हुए सत्य को बाहर लेकर आएगी। भारतीय संस्कृति सिखाती है कि हर मनुष्य अध्ययन करे, मनन करे, और जो सत्य प्रकट हो बुद्धि में, उससे निधिध्यासन को प्राप्त करे।
मुझे समझ आ गया कि हर रोग की दवा सिर्फ ज्ञान है। जिसके प्रभाव से धर्म की जय और अधर्म का नाश संभव है। किसी ने सच ही कहा है कि वेद पुराणों में छिपा है सनातन सत्य, लेकिन बिना उपनिषद अर्थात गुरु को जाने वेद पुराण समझना संभव नहीं है।
तो प्रश्न था -
क्या वास्को-डि-गामा ने भारतीय सनातन के ग्रन्थ के लिखे है?
अभी हम लोग 2024 में है फिलहाल पढ़ाया जाता है कि - "वास्कोडिगामा ने भारत की खोज की थी" "बटवारे के बाद फिर से भारत की खोज हुयी", तक सीमित है। लेकिन अगर आप अपने बच्चों को उपनिषद, वेद पुराण के बारे में नहीं बतायेगे, तो अभी कलिकाल शुरू के बाद का है, जब घोर कलिकाल आएगा तब सृष्टि की खोज भी वास्कोडिगामा ने की थी, शायद ऐसा पढ़ाया जाये, तब शायद किसी कोई आश्चर्य न हो।
लेकिन वो ब्राह्मण धन्य थे जिन्होंने मुझसे सकल्प दिलवाते समय भारतवर्ष से परिचित करवा दिया।
वास्को डी गामा ने 1498 में क्या खोजा था?
"वास्को डी गामा ने ने भारत को खोजा था " - ये पुर्तगाली या यूरोप के इतिहास में पढ़ाया जाता था। लेकिन भारत के वामपंथी इतिहासकारों ने इस लाइन को जैसा की तैसा उनके पाठ्यक्रम में से जैसे कि इतिहास, नैतिक शिक्षा इत्यादि कॉपी मार दिया। अर्थात खुद को एक सांप बता दिया और भारत को संपेरों का देश।
वास्कोडिगामा भारत कब आया था?
वास्कोडिगामा 20 मई, 1498 को भारत पहुँचा था
वास्कोडिगामा भारत क्यों आया था
वास्को डि गामा, 1498 में चार जहाज़ों और 200 से ज़्यादा नाविकों के साथ यूरोप से एक व्यापारी के भेष में भारत पहुंचा था।
वास्कोडिगामा भारत में सबसे पहले कहां आया था
पुर्तगाली नाविक वास्को डी गामा 20 मई, 1497-98 को भारत के केरल के कोझीकोड ज़िले के कालीकट पहुँचा था
वास्कोडिगामा किस जहाज से भारत आया था
वास्कोडिगामा सैन गैब्रिएल, साओ राफ़ेल, और बेरियो नाम के चार जहाज़ों से भारत आया था.
COMMENTS