जब मार्किट में 15-20 रुपये किलो है तो ये लोग मार्किट में क्यों नहीं सरकार विकास करे या टमाटर-प्याज की खरीद-बिक्री करे? Krishi Kanoon, Agricultural law
दुनियाँ में खाने को प्याज़ नहीं है और भारत में वही प्याज़ सड़को पर फैंकी जा रही है? ये तो कमाल की बात है। आपको आश्चर्य होगा कि प्याज़, भारत में 20-30 रुपये किलो के हिसाब से दिल्ली में मिल रहा है, तो फिर गाँवो की बात ही क्या। लेकिन जिन गाँवो में प्याज़ नहीं उगती वहां कि बात अलग हो सकती है।
मुझे लगता है खेती किसानी करने वालों के हाथ से बहुत बड़ा मौका छूट रहा है। क्युकी वे विदेश में इस समय प्याज़ का निर्यात करके अच्छा खासा मुनाफा काट सकते थे। इंटरनेट की वजह से आज विदेशो की खबरे भी किसानो को पता होती है कि कैसे ब्रिटैन जैसे देशो में टमाटर प्याज़ की कमी देखने को मिल रही है। इंटरनेशनल न्यूज़ चैनल ऑनलाइन चीख चीख कर बता रहे है।
दूसरी बड़ी बात ये होती की विदेश के लोगो को भी खाने पीने का कुछ न कुछ समान तो मिलता क्युकी इससे भारत और भारत के किसान वसुधैव कुटुंबकम के संस्कार पर व्यापार करते।
पर आज जब खबर सुनी की महाराष्ट्र के एक किसान को 500 किलो प्याज़ बेंचने पर 2 रुपये का चेक मिला। तो मैंने सोचा -
जब मार्किट में 15-20 रुपये किलो है तो ये लोग मार्किट में क्यों नहीं बेंच रहे?
विदेशों में सीधे निर्यात क्यों नहीं कर रहे ? (क्युकी आज निर्यात और आयत करना बड़ा आसान है और ऐसा करने वाले व्यापारी बाजार में काम भी कर रहे है.)
फिर जब इंटरनेट पर सर्च किया कि किसान ऐसा क्यों नहीं कर रहे? क्या उन्हें व्यापारी नहीं मिल रहे? पता करने की कोशिश की।
तो पता चला कि भारत अब वास्तव में नया भारत है। क्युकी -
आज किसान भी डिजिटल रूप से शहरों से जुड़ चुके है, गांव में सोलर पैनल की लाइट है, रोड है, पानी है, स्कूल है, गरीबो को फ्री राशन, गैस इत्यादि है।
अब आपको बदला बदला से ये सब दिखेगा। -
Logistics -
देश में Logistics सस्ता हुआ है क्युकी आज Logistics की ऐसी कंपनियां है जो डिजिटल ट्रैकिंग के द्वारा डिलीवरी कर रही है।
E-Commerce -
देश में E-Commerce कंपनियां ज्यादा है और इनमे कम्पटीशन है ये कंपनियां किसान से फसल को सीधा अच्छे दाम पर खरीद सकती है।
Digital Forms -
एप्लीकेशन, ईमेल, वेबसाइट के सहयोग से अब कमीशन खोरी खतरे में है। डिजिटल प्रौद्योगिकियों में बहुत ज्यादा निवेश हुआ है और हो भी रहा है क्युकी टेक्नोलॉजी से बिज़नेस करना बहुत आसान हो गया है। और उसकी मार्केटिंग भी ऑनलाइन हो रही है।
Road और Highways -
भारत में आज कई लेन के अब कई Road और Highways है। ये बात किसान और किसान के बेटे को भी पता है।
Electric व्हीकल -
जो लोग कोरोना के चक्कर में घर चले गए तो ज्यादातर ने इलेक्ट्रिक व्हीक्ल खरीद कर काम, या अन्य अपने काम शुरू किये है। और आप तो जानते ही है भारत के लोग बहुत ज्यादा मेहनती, ईमानदार, देशभक्त और प्रभु के भक्त है
(हालाँकि भारतीय मनुष्यो की भीड़ में बहरूपिये भी छिपे है )
5G Internet -
देश का प्रत्येक व्यक्ति एक दूसरे से जुड़ हो गया है। सब भारतीय अपने और देश के विकास में तेज़ी से कार्य कर रहे है। फिर चाहे Gaming (India Gaming Show 2023) हो या विदेशी फ़सल का देशी खेत में होना।
इतने सुधार होने के बाद भी अगर किसान अपनी फसल सही जगह नहीं बेंच पा रहा है तो इसे कमाल ही कहा जा सकता है। या फिर सरकार विकास छोड़ दुनियां में प्याज़ बेंचना शुरू करे।
अब आप तय करे -
कृषि कानून सही था या गलत (agricultural law was right or wrong) ? क्या इसका कृषि कानून से कोई सम्बन्ध है?
आप ये भी तय करे -
कि भारत सरकार को विकास देखना चाहिए या टमाटर प्याज़ को खरीदना-बेंचना चाहिए?
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