साइबर ठगों के जाल में कौन फस रहा है? Who is falling into the trap of cyber criminals? ऐसा कोई नहीं जिसने अपने जीवन में कांड न किया हो?
आपको हर रोज़ ऐसे समाचार मिल रहे होंगे कि आज ये घंटो तक साइबर ठगों के जाल में रहा, आज वो साइबर ठगों के जाल में रहा है, कोई कोई तो ऐसे भी जो कई कई दिनों तक साइबर ठगों के जाल में रहते है। इतनी cyber security होने के बाद भी, टीवी पर दिन में कई कई बार विज्ञापन, किसी को फ़ोन लगाओ तो भी यही सन्देश आ रह है कि पुलिस किसी को भी ऑनलाइन अरेस्ट नहीं करती। लेकिन इसके बाद भी साइबर ठगों के जाल में लोग फस कर पैसे लुटा रहे है।
तो साइबर ठगों के जाल में कौन फस सकता है? What I Think ?
चूँकि में इंटरनेट का प्रयोग तब से कर रहा हूँ जब भारत में GPRS नेटवर्क और Dialup नेटवर्क के माध्यम से इंटरनेट की शुरुआत हुयी थी। और आज भी 5-6 घंटे इंटरनेट पर ही बिताता हूँ, क्युकी काम ही इंटरनेट से जुड़ा हुआ है, और पसंद भी है। तो मुझे लगता है कि इस बात को अच्छे से बता सकता हूँ कि कौन साइबर ठगों के जाल में फस सकता है?
ऐसा कोई नहीं जिसने अपने जीवन में कांड न किया हो?
क्षमा करना, इसे गलत न समझे, लेकिन यह बात सत्य भी है क्युकी आज के युग ऐसा कोई नहीं है जो सत्य को धारण करके अपने धर्म का आचरण करने वाला हो। ज्यादातर लोग अज्ञानता के कारण गलत संगत को समझ नहीं पाते, और काम, क्रोध, लोभ, मोह, लालच, स्वार्थ इत्यादि मस्तिष्क के रोगो से ग्रसित होकर गलत मार्ग पर चले ही जाते है।
क्या हुआ नहीं समझ आया ?
मान लीजिये -
- आपने किसी मित्र, सोशल मीडिया, या टीवी इत्यादि देखकर समझ आया, कि ABCD एप्लीकेशन डाउनलोड करके किसी से मित्रता करके अवैध सम्बन्धो के द्वारा मजे कर सकते है।
- या आप अपने स्मार्टफोन में ऐसे वीडियो देखते है, जो नहीं देखने चाहिए।
- या आप ऐसा काम करते है, जो क़ानूनी रूप से गलत है।
- या आप कोई भी काम करते है, जिसे समाज में बता नहीं सकते।
कुछ भी मान लीजिये, कुछ क्षण के लिए जो भी अच्छा लगे।
अब आपके पास पुलिस का फ़ोन आता है, कि आप ने किसी महिला से मित्रत्रा की है, उसकी मृत्यु हो गयी, या आप वीडियो देखते समय रिकॉर्ड कर लिए गए है, या जो काम आप किसी को बताना नहीं चाहते वो पुलिस को पता चल गया है।
और यह सुनते ही, आपके पैरो के नीचे की जमीन सरक जाती है, अब आपको पता है कि सामने वाला ठग है, लेकिन आपकी व्यक्तिगत जानकारी उसके पास होने से आप उसके इशारे पर नाचने लगते है।
खैर बुरे काम का बुरा नतीजा तो होता ही है।
लेकिन कभी कभी जाल में कुछ ऐसे लोग भी फस जाते है, जो आदतन अपराधी नहीं थे, लेकिन कभी-कभार गलत संगत में पड़कर गलती कर दी हो, और वो साइबर ठगो के हाथ लग गयी हो।
या सरकार, सोशल मीडिया सबकी इतनी कोशिश का बाबजूद, अज्ञानता के कारण भ्रमित हो जाते है। इसे आज की भाषा में हिप्नोटिस्म भी कहते है। एक बात लिखकर रख लो कि ज्ञान के तेज़ के आगे हर भ्रम और हर हिप्नोटिस्म बेकार है।
सरकार को क्या करना चाहिए ?
जितने भी ऐसे केस आ रहे है, सरकार या साइबर पुलिस कोशिश करे और पता करे कि उस व्यक्ति का डाटा लीक कहा से हुआ है।
और उसके गैजेट की लिस्ट बनाये, खासतौर से स्मार्टफोन और लैपटॉप की।
आम जनता को क्या करना चाहिए? -
और आम जनता को भी चाहिए, कि वे मजे के चक्कर में अपने स्मार्टफोन से कोई ऐसा कार्य न करे जो अनैतिक हो। जिस ईमेल ID से स्मार्टफोन में लॉगिन किया है, उसको कई लेवल तक सिक्योर रखे, अपना पासवर्ड किसी को न दे।
इस बात को फिर उदाहरण से समझे -
अगर आप मुझे अपने उस जीमेल का पासवर्ड दे देंगे, जिससे अपने अपने स्मार्टफोन का अकाउंट जैसे कि प्लेस्टोर लॉगिन किया हुआ है तो में आपके मोबाइल का बैकअप कही भी देख सकता हूँ, जैसे कि कांटेक्ट लिस्ट, आपके फ़ोन में स्टोर फोटो, वीडियो और आप क्या क्या देखते है या करते है सब कुछ।
दूसरी बात -
आज कल मैंने ज्यादातर लोगो को देखा है कि वे True Calling जैसे apps डाल कर रखते है, वे अपने आप से एक प्रश्न पूछे कि आप अपने फ़ोन की सभी कांटेक्ट डिटेल्स को शेयर करके आप दुसरो के कॉलर ID देखकर प्रसन्न होते है, तो क्या ये सही है? ऐसे App न डाले जो आपकी कांटेक्ट लिस्ट, और Storage को एक्सेस करने की परमिशन मांगते हो।
तो ज्ञान के संपर्क में आइये, सोचिये और अपने विवेक को जाग्रत कीजिये। आप चाहे तो स्वामी विवेकानंद की विवेकचूडामणि और श्री राम और वशिष्ठ जी की वार्तालाप को Yoga Vasistha को अवश्य सुने या पढ़े।
और भी बहुत सारी बातें है, अगर जानना चाहते है तो उसको इसमें जोड़ दूंगा। क्युकी लिखते लिखते लग रहा है कि पोस्ट काफी बड़ी हो गयी है।
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