लोग बीजेपी को वोट देने नहीं निकले, इसके साथ साथ वे सभी ओवर कॉंफिडेंट भी हो गए (अहंकारी) कि चुनाव तो जीत ही जायेगे, अयोध्या में क्यों हारी बीजेपी? Why
देश की अर्थव्यवस्था को इतना ऊंचाई पर ले जाने के बाद भी, या अयोध्या में इतना विकास होने के बाद भी लोग वोट देने घर से क्यों नहीं निकले ? क्या सरकारी नौकरी और पैसे का लालच था?
Why did BJP lose in Ayodhya? or अयोध्या में क्यों हारी बीजेपी? इस बारे में मैं क्या सोचता हूँ अब उसे जानिये
1. झूठ को खुलेआम बिना झिझक बोलना -
मुझे लगता है कि कम वोट मिलने का कारण राजनीतिक पार्टियों द्वारा फैलाया गया झूठ था, जैसे -
- देश का संविधान ख़त्म होने वाला है।
- ये आखिरी चुनाव है, भविष्य में अब कोई चुनाव नहीं होंगे।
- एयरपोर्ट, LIC और सरकारी बैंक सब बिक गया
- अडानी, अम्बानी की सरकार है
- ईवीएम् अर्थात वोटिंग मशीन को हैक किया जा रहा है।
- सरकारी मशीनरी का उपयोग लोगो को जेल में डालने के लिए किया जा रहा है।
- आरक्षण ख़त्म होने वाला है। इत्यादि
ऐसे हज़ारो झूठ है, जिसके माध्यम से देश में भ्रम का लक्ष्यामहल तैयार किया गया, जिसमे सत्य को जलाने की तैयारी की गयी।
मुझे लगता है कि इस तरह की अर्थात झूठ की राजनीति की शुरुआत तब से ज्यादा हुयी है, जब से ऐसे लोग राजनीति में घुसे जो देश की राजनीति बदलने आये थे।
2. डिजिटल रूप से बंधक बनाना -
कुछ लोग सोशल मीडिया के ग्रूपो में लोगो को डिजिटल हाउस अरेस्ट करके जनता को दिन रात उनके दिमाग में जबरजस्ती झूठे बातें डालते है। जिसके लिए भ्रष्टाचार में दोषी निकाले गए पत्रकार और कुछ ऐसे लोग जिनका NGO, एडवोकेसी, या किसी संगठन से सम्बन्ध है वे विदेशी मीडिया का उदाहरण देकर आर्टिकल लिखते है, या वीडियो बनाते है, और बताते है कि देखो देश की छवि विदेशो में कितनी ख़राब हो रही है। देश में लोकतंत्र नहीं है, देश अमीरो का गुलाम है, इत्यादि।
ये लोग अपने सोशल मीडिया ग्रूपो में अन्य लोगो जो इनके विचारो का विरोध करते है उन्हें भक्त, देशभक्त, मोदी भक्त कहकर ग्रुप से निकाल देते है। अर्थात एक जैसे लोग ही रहते है, ताकि वे बाहरी सत्य से काट सके।
जैसे जोगेन्दर नाथ मंडल ने देश के बटवारे के समय करोडो लोगो को अपने स्वार्थ और लालच के लिए भ्रमित करके पाकिस्तान लेकर गए और वहां सबको कटवा दिया।
इसलिए व्हाट्सप्प हो या फेसबुक या यूट्यूब उस पर आने वाली हर खबर को पहले गलत समझे,जब तक कि उसे किसी ऑफिसियल सोर्स से वेरीफाई न कर ले
३. विदेशी मीडिया का दखल -
विदेशी मीडिया अर्थात किल्विष किसी भी देश में मानव अधिकारों के नाम से प्रवेश करता है, जिसका लक्ष्य अंत में राजनितिक सत्ता परिवर्तन ही होता है। इनके टारगेट पर ऐसे लोग होते है जो भ्रस्टाचार में निकाले गए पत्रकार, धर्म और देश में से धर्म को चुनने वाले और कुछ ऐसे लालची और स्वार्थी लोग जिनका कुछ अलग तरह NGO, एडवोकेसी, या किसी संगठन या टेलीविज़न से सम्बन्ध होता है। क्युकी यही लोग इसी विदेशी मीडिया का उदाहरण देकर आर्टिकल लिखते है, तो वही विदेशी मीडिया इन्ही लोगो के नाम और आर्टिकल लेकर न्यूज़ आर्टिकल लिखते है, या न्यूज़ वीडियो बनाते है, कर कहते है कि देश के पत्रकारों को सच बोलने से रोका जा रहा है।
ये एक तरह के इको सिस्टम प्रतीत होता है, जो एक दूसरे की सहायता करते है, विदेशी ताक़त किल्विष जिसे अँधेरा कायम रखना है उसे भारत की जमीन और संसाधन चाहिए, तो वही इनकी सहायता करने वाले लोगो को देश की सत्ता में ऐसी जगह चाहिए होती है, जहाँ से ये देश का खजाना लूट सके। इसके लिए आप इतिहास में हुए भ्रस्टाचार की लिस्ट और इन लालची और स्वार्थी लोगो के कनेक्शन को देखे और समझे।
4. राजनीतिक शिष्टाचार का अंत -
देश में राजनीतिक शिष्टाचार का अंत हो गया है, और यह उन लोगो के कारण हुआ है जो देश में राजनीति बदलने आये थे। इससे पहले की सरकारों में अगर किसी पर भ्रस्टाचार के आरोप लगते थे तो वे शिष्टाचार के लिए ही सही, लेकिन वे अपने पद से इस्तीफ़ा दे देते रहे है, आज उस शिष्टाचार का अंत हो गया है।
5. वोट के बदले नोट -
जिस देश का लोकतंत्र श्री भीमराव आंबेडकर और उनकी संविधान सभा में सभी लोगो की कठिन मेहनत के अनुसार, इतना जीवंत है, उस देश के लोकतंत्र को अपनी आत्म रक्षा के बारे में भी अवश्य विचार करना चाहिए, और स्वतः संज्ञान लेकर वोट के बदले नोट जैसे कुकृत्यों को बंद करना चाहिए।
जैसे कि -
- चुनाव के समय फ्री की योजनाओं की घोषणा करना कि -
- अगर हम चुनाव जीते तो फ्री बिजली देंगे
- अगर हम चुनाव जीते तो फ्री पानी देंगे
- अगर हम चुनाव जीते तो आपके परिवार को सरकारी नौकरी देंगे
- अगर हम चुनाव जीते तो आपके परिवार को xxxx लाख रुपये साल का देंगे
- अगर हम चुनाव जीते तो आपके परिवार को हर महीने xxxx रूपये देंगे।
- अगर हम चुनाव जीते तो फ्री ट्रांसपोर्ट देंगे
- अगर हम चुनाव जीते तो एक बोतल शराब के साथ दूसरी फ्री देंगे और कम उम्र में भी पी सकते है।
6. सरकारी नौकरी और पैसे का लालच -
कई पार्टियाँ लोगो को ऐसे सर्टिफिकेट या कागज बाँट रही है, जो वोट के बदले सरकारी नौकरी और पैसे देने का वादा करती है। ऐसे हज़ारो लोग है जो आज वे सर्टिफिकेट लेकर पैसे और नौकरी के लालच में इधर उधर मारे मारे फिर रहे है।
अगर आपको लगता है कि फ्री में प्राप्त करना आपका अधिकार है, तो समाज में ऐसे कितने घर है जिसमे शादी के बाद माता पिता अपने बच्चो को जीवन भर ये चीज़े फ्री देते है, और अगर देते है तो क्या वे नौकरी, धंधा करने की सोचते है या नहीं? और अगर वे नहीं करते है तो उनके बच्चो को पास कुछ बचता है या नहीं? तो देश के पास आपके बच्चो के लिए क्या बचेगा ?
ये अवश्य सोचकर वोट दीजिये।
आपके ह्रदय में अँधेरा कायम न हो पाए इसलिए उपनिषद अवश्य पढ़े य सुने । जो कि यूट्यूब पर उपलब्ध है इनमे दिया गया गया ज्ञान किसी भी प्रकार के भ्रम को तोड़ने में सक्षम है। ज्ञान प्राप्त करते रहे ताकि विवेक जीवंत रहे।
अन्तः इन कारणों से लोग बीजेपी को वोट देने नहीं निकले, इसके साथ साथ वे सभी ओवर कॉंफिडेंट भी हो गए (अहंकारी) कि चुनाव तो जीत ही जायेगे। आपको क्या लगता है कमेंट में अवश्य बताइये।
नोट - ये मेरे स्वयं के अपने विचार मात्र है,कोई न्यूज़ या जानकारी नहीं। मैं आपके विचारो का भी सम्मान करता हूँ। आप चाहे तो इस पोस्ट को शेयर कर सकते है।
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