आजादी के एक दशक बाद तक भारत की बड़ी आबादी मोटे अनाज Millet flour पर निर्भर थी, स्वस्थ रहना है तो खान-पान में शामिल करें Best Millet in Hindi मिलेट्स M
कहते है असली भारत गाँवो में बसता है। मेरी उम्र 35-36 के आस पास है अर्थात जन्म साल 1990 के पहले का है। आजादी की लड़ाई तो नहीं लड़ी लेकिन उसके बारे में अपने बाबा (दादा जी) और नानी के मुँह से सुना। चम्बल क्षेत्र के अच्छे डकैत और बुरे डकैतों से लेकर ग्वालियर में रानी लक्ष्मीबाई तक इतिहास को लोकगीत, कहानी और नाटकों के द्वारा जाना।
लेकिन ये सब सुनते हुए सर्दियों में बाजरा की रोटी और गर्मिओ में ज्वार की रोटी भी होती थी। बाजरा खाने की शुरुआत हमारे यहाँ दिवाली के बाजरे के मीठी पुए से होती थी और जो की सकट-चौथ के पंजीरी तक चलता था। आज भी होता होगा। काफी समय से अपने गांव जाना हो नहीं पाया। सर्दियों में वैसे बाजरा, दूध देने वाले जानवरों को भी खिलाया जाता है।
बाजरा को अंग्रेजी में मिलेट कहते है। लेकिन आजकल ज्यादातर अन्य छोटे आकर के बीज (आनाज) को भी मिलेट कहा जाता है। यह बहुत ही ज्यादा पौष्टिक अनाज होता है। मिलेटस मानव और जानवरों के लिए एक पौष्टिक आहार है।
बाजरा, ज्वार, रागी और कंगनी मुख्य मिलेट्स की श्रेणी में आते हैं. और समा, कोदो, चिन्ना इत्यादि को छोटे मिलेट्स माना जाता है. हर मिलेट का अपना महत्व है. जैसे कि बाजरा, कैल्शियम से भरा होता है, ज्वार में पोटेशियम और फास्फोरस होता है, और कंगनी में फाइबर होता है औरकोदो आयरन से भरपूर होता है।
आज जब पूरी दुनियां में खाने के लाले पड़े है। ज्यादातर देशों में मॅहगाई डबल डिजिट में चल रही है। और कुछ देश तो दिवालिया तक हो चुके है। तब भारत में स्थिति कण्ट्रोल में है।
- पहला कारण मजबूत सरकार और
- दूसरा कारण भारत के लोग सिर्फ गेहूँ पर निर्भर नहीं है बल्कि मोटा आनाज खाने के भी शौकीन है।
मैं तो आज तक सर्दियों में बाजरा और मक्के का आटा अवश्य खाता हूँ। भारत में उत्पन्न मिलेटस बहुत ही फायदेमंद और सस्ते है। अब विदेशो के लोग भी इसके स्वाद, फायदे और सस्ते होने के कारण इनको पसंद कर रहे है।
International Year of Millets 2023 -
नरेंद्र मोदी सरकार भी इन मोटे अनाज को विश्व के लोगो के साथ साझा कर रही है। इससे विश्व को सस्ते अनाज का विकल्प भी मिलेगा ।
As we prepare to mark 2023 as the International Year of Millets, attended a sumptuous lunch in Parliament where millet dishes were served. Good to see participation from across party lines. pic.twitter.com/PjU1mQh0F3
— Narendra Modi (@narendramodi) December 20, 2022
आजादी के एक दशक बाद तक भारत की बड़ी आबादी मोटे अनाज Millet flour पर निर्भर थी, क्युकी गरीबी बहुत ज्यादा थी। गरीबी का कारण पहले मुग़लो की गुलामी और जज़िया जैसे कर (Tax) और उसके बाद रही-सही कसर अंग्रेजी शासन ने कई तरह के टैक्स लगाकर निकाल ली। लेकिन अब लोग इन मिलेट को गरीबी के कारण नहीं बल्कि स्वास्थ्य लाभ के लिए खाने लगे है। कैंसर पीड़ित तो बाजरा ढूढ़ कर खरीदते है। आने वाला साल भारत के लोगो के लिए स्पेशल है क्युकी अब भारतीय अनाज को इंटरनेशनल पहचान मिल रही है। 2023 होगा International Year of Millets.
मिलेट फसल कौन कौन सी है?
स्वस्थ रहना है तो खान-पान में शामिल करें मिलेट्स Millet food -
- बाजरा | Bajar (Pearl millet)
- ज्वार (शबर्त) | Jowar (Sorghum)
- रागी | Ragi (Finger millet)
- झंगोरा | Jhangora (Barnyard millet)
- बैरी | Barri (Proso / Common millet)
- कंगनी | Kangni ( Foxtail / Italian millet)
- कुटकी | kutakee (Little millet / Kutki Millet in Hindi)
- कोदो | Kodo (Kodo millet / Kodo Millet in Hindi)
- चेना | Chena (Proso millet)
FAQs -
मिलेट वर्ष क्या है?
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा भारत द्वारा प्रस्तुत एक प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया है, वर्ष 2023 को 'बाजरा का अंतर्राष्ट्रीय वर्ष' घोषित किया गया है। जिसमें 70 से अधिक देशों ने इस संकल्प का समर्थन किया।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2023 को क्या घोषित किया गया है?
वर्ष 2018 में खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष मनाने के भारत के प्रस्ताव को अनुमोदित किया गया था, और इसलिए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष के रूप में घोषित किया है।
मिलेट में कौन कौन से अनाज आते हैं?
Types of millets in Hindi - बाजरा, ज्वार, समा, कोदो, चिन्ना, रागी और कंगनी मुख्य मिलेट्स (Best Millet in Hindi) की श्रेणी में आते हैं
भारत में कौन से तीन प्रमुख मोटे अनाज उगाए जाते हैं?
भारत में उगाई जाने वाली तीन प्रमुख मोटे अनाज वाली फसलें ज्वार, बाजरा और रागी हैं।
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