भारत के वैज्ञानिक आज चन्द्रमा पर है। सूर्य पर जाने की तैयारी कर रहे है, शांतिपूर्वक बातचीत के तरीके से इस मुद्दे को हल भारत के राष्ट्रवाद
What I Think के अनुसार में, मैं भारत के राष्ट्रवाद को लेकर कम से कम पिछले 20 साल के अनुभव को अवश्य शेयर कर सकता हूँ। अगर आप अभी थ्योरी से ज्यादा प्रेक्टिवल पर विश्वास करते है तो इस बात को आपको अवश्य याद करते रहना चाहिए
जिसका वर्णन आप हम याद करेंगे। -
करगिल की लड़ाई को मैंने बच्चे के रूप में बॉर्डर फिल्म, दूरदर्शन चैनल, आल इंडिया रेडियो, और समाचार पत्रों की कटिंग को पढ़ने और समाज में सभी के साथ चर्चा में उठने, बैठने के दौरान समझा।
इसलिए मैंने बड़े जोश के साथ अपने कॉलेज में NCC को ज्वाइन किया, और सेना में भर्ती होने के लिए काफी प्रयत्न भी किया था, सुबह 4-5 बजे जल्दी जागकर, गली के अन्य मित्रो के साथ रोड पर दौड़ने जाते थे, उसके बाद भी मैं अपना लक्ष्य भेदने में असमर्थ रहा। शायद भगवान् की कुछ और इच्छा थी, इसलिए मैं उन वीरो के बीच पहुंचकर वीर (आर्मीमैन) नहीं बन सका।
यह बात मेरे लिए घाव से कैंसर बनती जा रही थी। क्युकी मैं Army भर्ती होने के लिए Overage होने वाला था। फिर अचानक से टीवी या समाचारपत्रों में पाकिस्तान के द्वारा छल पूर्वक हमारे को जवानों छुपकर नृशंस तरीके से वार करने की खबरे ऐसे चलने लगी, जैसे कोई आम समाचार हो।
मीडिया ने कह दिया जनता ने सुन लिया, और तथाकथित नेता भी शांतिपूर्वक बातचीत के तरीके से इस मुद्दे को हल करने की बात करते थे। और अगले दिन फिर सब शांत। यह किसी कैंसर के रोग से भी ज्यादा व्यथित करने वाला था।
हमारे घर वाले आपस में चर्चा करते कि आर्मी के जवान हमारी रक्षा करते है, लेकिन अब इनकी रक्षा कौन करेगा? सोचिये हम एक ऐसे देश में जी रहे थे जहाँ सैनिकों के अपमान को उस देश और देश के लोगो ने एक सीमा से बढ़कर अनदेखा किया। और फिर कुछ समय बाद कुछ लोगो ने अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए देश के सैनिको को अत्याचारी तक कहा।
फिर इन्ही आँखों ने समय को बदलते हुए देखा -
अब , इतिहास में ये भी लिखा जायेगा अब कि पाकिस्तान हमारे सैनिको को छूने की सोच भी नही सकता। भारत में UPI जैसी तकनीक है, 5G नेटवर्क है, फाइबर कनेक्टिविटी है, लोग इंटरनेट से स्वयं का व्यापार कर रहे है, कुछ करना सीख रहे है तो कुछ करना सिखा रहे है। भारत के वैज्ञानिक आज चन्द्रमा पर है। सूर्य पर जाने की तैयारी कर रहे है, और इधर भारत में समान नागरिक सहिंता की चर्चा भी होना विकसित राष्ट्र होने की दिशा में अग्रसर होने का संकेत देता है।
आज उसी देश के सैनिक अपने प्रधानमंत्री के साथ गर्व से दिवाली मनाते है, उनके पास नए मिसाइल्स, राफेल, और चिनूक हेलीकाप्टर जैसी शक्तियां है।
आपको क्या लगता है? कि भारत राष्ट्रवादी देश पहले था या अब है?
Dislciamer - यह लेखक के व्यक्तिगत भाव या विचार है।
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