विभाजन विभीषिका क्या है? Partition Terror - विभाजन का अर्थ - विभीषिका का अर्थ - नरसंहार - मोपला विद्रोह - धार्मिक कट्टरता राजेन्द्रनाथ मंडल वीरसावरकर
विभाजन विभीषिका को समझने के लिए सबसे पहले विभाजन विभीषिका का अर्थ समझना होगा।
विभाजन का अर्थ = विभाग करने की क्रिया । बाँटने का काम या बटवारा (Partition)
विभीषिका का अर्थ = भयानक कांड या द्दश्य (Terror), त्रास, भय का माहौल या डर का माहौल, आतंक
15 अगस्त से एक दिन पहले 14 अगस्त भारत के लिए बहुत बड़े दुःख का दिन मनाता है क्युकी 14 अगस्त को देश का बटवारा हुआ था। यह दुनियाँ की सबसे बड़ी आतंकी घटना थी जिसमे आतंकवादी इसी देश के कुछ मुठ्ठी भर लोग थे। जिसका ट्रेलर उन्होंने खिलाफत आंदोलन के समय मोपला विद्रोह इत्यादि के द्वारा दिखाकर अपने प्रयोग की परीक्षा ली थी। यह भारत में तालिबान मानसिकता की पहली अभिव्यक्तियों में से एक था।
लेकिन बहरूपियों ने इतने बड़े नरसंहार को अलग अलग रूप से परिभाषित करके इस घटना को इतिहास में सूक्ष्म रूप देकर छिपा दिया।
नरसंहार को अलग अलग रूप से परिभाषित करना -
शोषित -
जिस धर्म या जाति के लोगो को निशाना बनाया गया उनमे से बचे हुए लोग इसे धार्मिक कट्टरता का मामला बताते हैं।
आतंकी -
जिन लोगो ने इतने बड़े नरसंहार को अंजाम दिया उन्होंने इसे ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ संघर्ष बताकर अपने आप को स्वघोषित देशभक्त बताया।
आतंकी समर्थक -
जो लोग हिन्दू होकर भी हिन्दुओ से चिढ़ते है और वे सिर्फ किसी एक विशेष जाति के नेता बनते है , उन लोगो ने इसे जमींदारी सत्ता के खिलाफ संघर्ष बताकर नरसंहार करने वालो का साथ दिया। और अपने ही लोगो को गुमराह किया।
घटना की जानकारी -
जब इसी घटना की जानकारी वीरसावरकर ने अपनी किताब "मोपला - मुझे इससे क्या " किताब के द्वारा अपने सनातनी समाज में देने का प्रयास किया। लेकिन इसके बदले में उन्हें क्या मिला वो आप Google कर सकते है।
भारत की आज़ादी के संघर्ष के दौरान इतने लोगो का नरसंहार पहले कभी नहीं जितना इस प्रयोग (मालाबार विद्रोह) और उसके बाद भारत के बटवारे के समय हुआ था।
हम 15 अगस्त को इस बात की ख़ुशी के रूप में मनाते है कि देश आज़ाद हुआ था। लेकिन कही न कही हम 14 अगस्त को भूले रहे थे, इस दिन करोड़ों भारतीयों को धर्मान्धता के कारण काट दिया गया, उनके साथ बलात्कार और लूट हुयी ।
क्युकी आतंकी और आतंकी समर्थक अपने लिए अलग जमीन की मांग कर रहे थे।
उदाहरण -
बटवारे के दौरान राजेन्द्रनाथ मंडल अपने साथ करोड़ों वनवासियो को पाकिस्तान लेकर गए अर्थात बटवारे में इनका और इनके समर्थकों का कितना समर्थन रहा होगा ये आप सोच सकते है।
इस प्रकार की वीभत्स घटना को देश के लोग 15 अगस्त अर्थात स्वतंत्रता दिवस की ख़ुशी में देश भूले नहीं इसलिए सरकार ने भी 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका के रूप में मनाना शुरू किया है। ताकि लोग आतंकी, और आतंकी समर्थकों (बहरूपियों ) से सावधान रहे।
डिस्क्लेमर - इस लेख में बताई गयी बातें बटवारे और मालाबार विद्रोह के बारे में पब्लिक डोमेन में उपलब्ध जानकारी को पढ़ने से उत्पन्न भावनात्मक विचारमात्र है।
COMMENTS