In BHARAT itself, some secular impersonators, hidden in their names, are engaged in a campaign to eliminate Sanatan Dharma like mosquitoes of dengue .
ये टीवी और फिल्मों एक्टर, जब हम बच्चे थे, तो उनकी नक़ल करते थे, फिल्मो में उनके पिटने पर आँखे भर आती थी, उनके दुःख में दुखी और ख़ुशी में ख़ुशी होते थे। क्या पता था वे अंदर से ज़हर का प्याला है, आज मुझे ये अधर्मी सभी एक्टर और एक्ट्रेस कालनेमि राक्षस की तरह बहरूपिये दीखते है। जो समाज को भ्रमित करके कालनेमि की तरह हमें (श्री हनुमान जी की तरह) धर्म के पथ से भटका रहे थे। जिसे इन्होने मनोरंजन का नाम दे दिया।
बौद्ध नेता ने श्रीराम के चरित्र वाली धार्मिक किताब को फाड़ने, जलाने और कुचलने के बाद, फिर क्रिस्चियन नेता के बाद आज एक और नास्तिक टीवी एक्टर ने सनातन धर्मियो को फिर से डेंगू, और मलेरियां के मच्छर की तरह ख़त्म करने के अभियान को बताया और मीडिया में कुछ सेलेक्टिव कारण बताये -
आज मैं व्यथित ह्रदय से ऐसे उन्ही कारणों के बारे में बतायूंगा कि What I think . अगर सहमत हो तो कमेंट अवश्य करे।
1. उन्होने मुस्लिम बस कंडक्टर का मुद्दा उठाया, जिसे एक महिला ने अपनी टोपी उतारने के लिए कहा था.
What I think - इस देश में धार्मिक स्वतंत्रता है, अगर कोई किसी की धार्मिक भावना को ठेस पहुँचता है तो उसके खिलाफ कानून का सहारा लेना चाहिए था बजाये की आप नास्तिक होते हुए भी किसी अन्य धर्म के खिलाफ जहर उगलने लगे। ये श्रेष्ठ लोगो का आचरण नहीं हो सकता।
2. उन्होने कहा कि जय श्री राम जुलूस में 18 साल के युवा चाकू और तलवार लेकर चल रहे थे. यह देखकर मुझे सचमुच दुख होता है. कि किसने उनका इस तरह ब्रेनवॉश किया
What I Think - यह भ्रमित करने वाला और झूठा तथ्य है। किसी भी प्रकार का ब्रेनवॉश नहीं है बल्कि शस्त्र पूजा सनातन धर्म की सीख है , हमारे देवी देवताओं के हाथ में शास्त्र और शस्त्र दोनों है, उनका किसी ने ब्रेनवाश नहीं किया होगा।
कभी किसी ने नहीं सुना होगा कि किसी श्रीराम जुलूस में निकलने वाले हथियार के द्वारा किसी का घर जला दिया गया है, या सर कलम कर दिया । यह आचरण सिर्फ सनातनियों (सत्य का पालन करने वालों ) को यह याद दिलाता है कि आत्मरक्षा करना भी उनका अधिकार है, और सविंधान भी नागरिको को अपनी आत्मरक्षा का अधिकार देता है, इसलिए शस्त्र लाइसेंस भी दिए जाते है।
3. सनातन को 'तनातन' कहकर मजाक उड़ाया था.
What I Think - सनातन धर्म का अर्थ सत्य है, अगर आप भी सत्य बोलने वाले है तब आप नास्तिक होते हुए भी उसी ईश्वर के लिए सनातनी ही है। भारत में उत्पन्न सभी धर्म सत्य है, (अन्य देशों के धर्म की यहाँ कोई बात नहीं कर रहा।) और यह पावन, पवित्र धरती उनका उद्गम स्थल है। ये तपोभूमि उनकी धर्मभूमि है।
इस पवित्र महाद्वीप से उत्त्पन कुछ धर्मो के उदाहरण देता हूँ। -
जैसे कि -
सिक्ख धर्म -
बिना गुरु के ईश्वर नहीं मिलता यह इस सत्य सनातन धर्म का विशेष आग्रह है। इसलिए सिक्ख धर्म के लिए सबसे पहले अपने गुरु ही सबकुछ है। (सनातन शास्त्र भी गुरु की महिमा गाते है।)
इस सत्य धर्म का उदाहरण -
इक ओंकार सतनाम करता पूरक निरभो निरवैर अकाल मूरत अजुनी सैभम गुर प्रसाद ...
एक ओमकार- एक परम पूर्ण सत्य ब्रह्म
सतनाम- उसी का नाम सत्य है।
करता पुरखु- सब करने वाला पूर्ण सत्य है।
निरभउ, निरवैरु- निर्भय है। बैर भाव से दूर है।
अकाल- काल से मुक्त है
मूरति- अविनाशी है।
अजूनी- वह अजन्मा है।
सैभं- स्वंय के ही प्रकाश से प्रकाशित है।
गुर प्रसाद- गुरु के प्रसाद (कृपा) से संभव है। ...
ऐसे श्री गुरु नानक गुरुदेव की हमेशा जय हो। उनकी वाणी सदा अमर रहे। धन्य है सभी सिक्ख धर्म के लोग जिन्हे ऐसे गुरुओं का आशीर्वाद, स्नेह और कृपा मिली, मिल रही है और हमेशा मिलती रहेगी।
जैन धर्म -
बिना गुरु के ईश्वर नहीं मिलता यह इस सत्य सनातन धर्म का विशेष आग्रह है। इसलिए जैन धर्म भी अपने गुरु को सबसे पहले बंदन करता है।
इस (सनातन) सत्य धर्म का उदाहरण -
णमो अरिहंताणं णमो सिद्धाणं णमो आइरियाणं।
णमो उवज्झायाणं णमो लोए सव्वसाहूणं॥’
अर्थ - अरिहंतो ,सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय और सभी साधुओ को नमस्कार।
ऐसे श्री भगवान् ऋषभदेव की सदा जय हो। उनकी वाणी सदा अमर रहे। धन्य है सभी जैनधर्म के लोग जिन्हे ऐसे गुरु मिले जिन्होंने अपने शिष्यों के आचरण पर ध्यान दिया, अपना आशीर्वाद दिया और उनकी कृपा बरसती रहती है जिससे इस धर्म के लोग अपने अहिंसात्मक और सात्विक आचरण के कारण प्रसिद्दि पाते है।
बौद्ध धर्म -
बिना गुरु के ईश्वर नहीं मिलता इस सत्य सनातन धर्म का विशेष आग्रह है। इसलिए गौतम वृद्ध भगवान् ने समाज के उन लोगो के लिए जो सामाजिक स्थिति, पारिवारिक स्थिति, आर्थिक स्थिति, भौगोलिक स्थिति के चलते, बिना कर्मकांड, बिना किसी शास्त्र के पढाई के अर्थात सरल रास्ते से, समाज के बीच रहकर भगवान् को प्राप्त करने के तरीके बताये है, जिसे धम्म कहा गया है। इसलिए आज भी समाज में ज्यादातर नौकरी करने वाले लोग, जिन्हे शास्त्र पठन या ज्ञान को पढ़ने का समय नहीं मिलता वे भगवान बुद्ध ही आसान शिक्षा (धम्म) को पढ़ते है और उसका पालन करते है।
इसलिए ज्यादातर हिन्दू जिन्हे गौतम बुद्ध के इस ज्ञान के बारे में ज्ञान है वे श्री गौतम बुद्ध को भगवान के रूप में ही देखते है और उनका सम्मान करते है।
इस (सनातन) सत्य धर्म का उदाहरण -
“बुद्धं शरणं गच्छामि, संघं शरणं गच्छामि” और “धम्मं शरणं गच्छामि”
अर्थ - मैं बुद्ध की शरण में जाता हूँ। उनके संघ की शरण लेता हूँ, और धर्म की शरण लेता हूँ। (धर्म अर्थात उनके सत्य ज्ञान/धम्म )
गौतम बुद्ध भगवान् की जय हो और उनकी वाणी सदा अमर रहे। धन्य है भगवान् जिनकी कृपा उन लोगो पर भी वरसती है जो समाज में रहते हुए, धम्म का पालन करते है।
हिन्दू धर्म -
ऐसे लोग जो शास्त्रों के माध्यम से सत्य को जानने की कोशिश करते है। शास्त्रों के ज्ञान के लिए गुरु की आवश्यकता होती है और फिर वे किसी ज्ञान परम्परा के गुरु की खोज करते है। गुरु प्राप्त होने के बाद गुरु शास्त्रों के ज्ञान को समझाते है। और ज्ञान होने के बाद ये जप, तप, व्रत, भक्ति (भजन, कीर्तन, प्रेम) इत्यादि मार्ग से ईश्वर की तरफ बढ़ते है वे आज सनातनी हिन्दू कहलाते है। बिना सत्य आचरण के गुरु कृपा संभव नहीं है।
अगर गुरु नहीं मिलते तब भी लोग शास्त्रों को ही गुरु रूप में मान सकते है, फिर शास्त्र का अध्ययन, मनन, चिंतन करके साधक, साधना की ओर बढ़ सकता है। ऐसा करने पर व्यक्ति का सत्य या सात्विक आचरण हो जाता है। फिर ऐसे सात्विक आचरण के व्यक्ति को गुरु स्वयं खोजते हुए अपने शिष्य को ढूंढ लेते है।
इसलिए -
इस (सनातन) सत्य धर्म का उदाहरण -
गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः
अर्थात गुरु ही ब्रह्मा है, गुरु ही विष्णु है और गुरु ही भगवान शंकर है। गुरु ही साक्षात परब्रह्म रूप है। क्युकी मार्ग बताने वाला गुरु ही है।
जैसे स्कूल में आज अ, आ, इ, ई सिखाने वाले गुरु के कारण आज हम हिंदी भाषा बोल, लिख, समझ पाते है। वैसे ही ये ब्रह्म समझ में आने लगता है
लेकिन आज तक कोई इस ब्रह्म को न तो पूरी तरह से जान पाया है और न ही उच्चकोटि कोई ऐसा साधक है जो ब्रह्म को जानता न हो।
मैं अपने सभी देवताओं को नमन करता हूँ और कामना करता हूँ कि उनकी वाणी अमर रहे और वे अधर्म से सहस्त्रों गुना शक्तिशाली रहे ।
तो चाहे कोई व्यक्ति हो, नेता हो, श्रीराम को काल्पनिक कहने वाली पार्टी हो, राम सेतु का अस्तित्व नकारने वाले लोग हो, वे इस धर्म भूमि से डेंगू मलेरिया के बुखार के मच्छर के रूप में समझने वाले सत्य अर्थात सनातन धर्म के किस किस रूप को, और कैसे मिटायेंगे ?
इस बात को लिख कर रख लो, और अपनी पीढ़ियों को बताकर जाओ कि यदि इस पृथ्वी पर एक अकेला मनुष्य, सत्य को धारण करने वाला सनातनी, धर्मी बचा तब भी अधर्म विजेता घोषित नहीं हो सकता। क्युकी वह एक अकेला व्यक्ति अपने सत्य आचरण की ताक़त से अपने सत्य सनातन को पुकार सकता है। और भगवान् इसमें तनिक भी देर नहीं लगाते है।
तो अब ये कालचक्र ही बताएगा कि भारत में सनातन धर्म डेंगू मलेरिया के मच्छर की तरह है? या दुनियाँ के लिए मानवता की पहचान बनता है।
धर्म की जय हो, अधर्म का समूल नाश हो।
ऊपर मैंने चार धर्मो के मुख्य आदेश /निर्देश को सत्य के उदाहरण के रूप में लिया है। ज्यादातर जानकारी पब्लिक डोमेन में उपलब्ध जानकारी से ली गयी है, किसी भी प्रकार की त्रुटि, या भावार्थ के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ।
Disclaimer - इस पोस्ट में किसी भी राजनेता, पार्टी, एक्टर या कोई भी किसी के मान या सम्मान को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है। केवल उनके विचारो का जवाब अपने विचारो से दिया है। मैं सभी का सम्मान करता हूँ, लेकिन उनके विचारो का चुप रहकर समर्थन नहीं कर सकता।
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