Godi Media - जानिये गोदी मीडिया का अर्थ क्या है? गोदी मीडिया का मतलब क्या है? गोदी मीडिया कौन सा चैनल है? गोदी मीडिया के समाचार या गोदी मीडिया की खबरे
आज आप मीडिया को एक अलग नज़र से देखने की कोशिश करेंगे, क्युकि अगर कोई चिल्ला चिल्ला कर 5 साल, 10 साल, या 15 साल से एक ही बात बोले, तो लोग उसे सत्य समझने लगते है। यह असत्य की ताक़त है। खैर मैं आता हूँ अपने टॉपिक पर की गोदी मीडिया क्या है?
इसलिए मीडिया को हम 3 गुणों के आधार पर चुनते है और समझते है। ये तीन गुण सनातन धर्म में बताये गए है, ये सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण। इन्हे फिर कभी बता दूंगा। फिलहाल कौन सा मीडिया किस गुण से प्रभावित है और उसे आप कैसे पहचानेगे उसे बता देता हूँ। इससे किसी व्यक्ति की प्रवृत्ति को भी पता लगाया जा सकता है कि वह सत्य बोलने वाला है, चुप रहकर सत्य और असत्य दोनों का साथ देने वाला है (स्वार्थी), या झूठ बोलने वाला है।
गुणों के आधार पर इन्हे मैं नाम देता हूँ -
- राष्ट्रवादी मीडिया - अर्थात सत्य का पालन करने वाला मीडिया
- भ्रामक मीडिया - स्वयं के ज्ञान से भ्रमित मीडिया
- गोदी मीडिया - स्वार्थी लोगो का समूह, जिनका कार्य सिर्फ स्वार्थ सिद्दी है।
अब इनके बारे में आपको बताता हूँ कि What I Think about Godi Media?
मान लेते है कि अचानक से एक न्यूज़ आयी कि -
"अमुक नेता ने बोला कि देश में भ्रस्टाचार हो गया और लोकतंत्र बदला गया है।"
राष्ट्रवादी मीडिया -
अब इस समाचार को कोई राष्ट्रवादी मीडिया समाचार पत्र या न्यूज़ चैनल कैसे दिखायेगा, इसे समझते है। -
पहला तरीका -
आज अमुक पार्टी के अमुक नेता ने बयान दिया कि देश में भ्रस्टाचार हो गया और लोकतंत्र बदला गया है। लेकिन हम इस बयान की पुष्टि नहीं करते क्युकि अमुक नेता ने बयान देते समय कोई साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया, न कोई पुलिस में FIR / शिकायत है, और हमारे पास इससे सम्बंधित कोई जानकारी नहीं है।
दूसरा तरीका -
आज अमुक पार्टी के अमुक नेता ने बयान दिया कि देश में भ्रस्टाचार हो गया और लोकतंत्र बदला गया है। लेकिन हमारे पत्रकारों ने पता किया तो जानकरी हुयी कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है, यह बयान झूठा है। सविंधान का एक एक पन्ना सही है, वही है। और भ्रस्टाचार पर कोई और कही पर FIR नहीं है। अर्थात हमारी खोजी पत्रकारिता साबित करती है कि अमुक पार्टी के अमुक नेता का बयान झूठा था।
राष्ट्रवादी मीडिया होने का कारण -
- इन्हे देश के लोगो को राजनीतिक सत्यता पहुंचाने की जिम्मेदारी होती है, क्युकी अगर कही गलती से भी देश की राजनितिक गद्दी पर अगर किसी पडोसी या विदेशी देशों का पहुंचाया गया गुलाम का पत्ता हुआ तो वह देश स्वतंत्र होकर भी गुलाम बना रहता है।
- ये किसी भी समाचार को दिखाने से पहले, चाहे वह राजनितिक बयान ही क्यों न हो, वह सत्यता की पुष्टि अवश्य करते है, फिर चाहे इन्हे उस अमुक नेता से मिलकर उसके साक्ष्य ही क्यों न लेने पड़े हो, और उसने मिलने से मना किया तो वैसा जनता को बता देते है।
- ये मीडिया समाचार पत्र या चैनल्स ज्यादा खबरे नहीं, बल्कि सत्यता से प्रमाणित समाचार ही दिखाते है।
- एक बार सत्यता की पुष्टि कर लेने के बाद ये उसमे धर्म, जाति और विचारधारा नहीं देखते है, इनके लिए देश ही सर्वोपरि होता है।
भ्रामक मीडिया -
अब इसी समाचार को कोई भ्रामक मीडिया समाचार पत्र या न्यूज़ चैनल कैसे दिखायेगा, क्युकी उसे अपनी TRP के लिए (स्वार्थ) दोनों लोगो से जुड़े रहना है।
इसे समझते है। -
सिर्फ एक ही तरीका -
"आज अमुक नेता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दावा किया और कहा कि इनके राज में देश में भ्रस्टाचार हो गया और लोकतंत्र बदला गया है।"
अर्थात ज्यो का त्यों बोलकर, लिखकर बता दिया। सत्यता की पुष्टि या प्रमाणिकता से इन्हे कोई लेना देना नहीं। क्युकी इन्होने मीडिया या पत्रकारिता का काम बिज़नेस के लिए किया है, और बिना स्वार्थ के व्यापार बहुत कम सफल होता है।
भ्रामक मीडिया होने का कारण -
- ये मीडिया संसथान किसी समाचार के पीछे की सत्यता की पुष्टि नहीं करते, सच या झूठ जैसा था वैसा बता दिया करते है।
- जबकि इन्हे कोई भी समाचार बिना सत्यता की पुष्टि किये प्रसारित या प्रिंट नहीं करना चाहिए,
- चूँकि नंबर 1 पर रहना है तो हर समाचार के पीछे पत्रकार को नहीं दौड़ा सकते, बस ज्यादा से ज्यादा समाचार दिखाना लक्ष्य होता है , सही गलत का जनता तय करे,
- अर्थात सभी भ्रमित हो जाते है, इन्हे सही गलत कुछ नहीं पता होता।
- इन्हे देशहित से मतलब नहीं होता, सिर्फ हवा का बहाब देखकर उसके साथ हो लेते है। चाहे वो गलत हो या सही।
गोदी मीडिया -
अब आप नाम से ही समझ रहे होंगे कि गोदी मीडिया किसे कहते है, अर्थात मेरे अनुसार जो किसी नेता के गोद में बैठे उसे गोदी मीडिया कहते है।
Godi Media उसी ऊपर वाली खबर को कैसे बताएँगे -
"आज आपको जानकार हैरानी होगी कि अमुक नेता ने बोला कि देश में भ्रस्टाचार हो गया और लोकतंत्र बदला गया है। सोचिये आप अपने देश को क्या भविष्य दे रहे है, आप अनुमान लगाइये ये देश कहाँ जायेगा? सोचिये ये लोग किस तरह से देश को लूट रहे है, सोचिये ये लोग कैसे सिर्फ अपनी विचारधारा देश के लोगो पर थोप रहे है, सोचिये इतना भ्रस्टाचार हो गया और लोकतंत्र बदल दिया गया, लेकिन देश में शांति है, कही कोई दंगा नहीं हुआ , कब तक राजनीति की गद्दी पर बैठे हुए सौदागर देश के लोगो, किसानो, छात्रों का खून चूसते रहेंगे। आप तक ये खबरे आ नहीं पाती क्युकी उन्होंने मीडिया को कैद करके रखा है, सोशल मीडिया पर FIR हो रही है, लोगो के अधिकार छीने जा रहे है और दुनियां खामोश है, आप खामोश है। देश का लोकतंत्र खतरे में है।
आप देखते रहिये सिर्फ हमारा चैनल, आप सभी चैनल का बॉयकॉट कीजिये, उनको देखना बंद कीजिये। हम इन वेबसाइट के नाम बता रहे है, जब समय मिले तो कभी इनको देखा कीजिये, इस YouTuber को देखिये, और अन्य लोगो तक शेयर कीजिये। क्युकी देश को बचाने की जिम्मेदारी आपकी हमारी और हम सबकी है। हमारा सत्ता से सवाल पूछने का अधिकार है। आपको ये सब अन्य लोग नहीं पूछेंगे, नहीं बतायेगे। मसलन ये विचारधारा की लड़ाई है, देश की लड़ाई है, आज आप हाशिये पर है, सोचिये, विचार कीजिये, सत्ता के गलियारे में सन्नाटा है, अब खड़े होइए अपने अधिकारों के लिए लड़िये।
अन्य मीडिया से दूर रहिये, केवल हमें देखिये देखते रहिये हमारा चैनल, अन्य मीडिया से दूर रहिये। "
गोदी मीडिया होने का कारण -
- ये पत्रकार और टीवी चैनल्स राजनीतिक लोगो से कई प्रकार के लाभ प्राप्त करते है
- ये पत्रकार और टीवी चैनल्स सिर्फ अपनी विचारधारा को आगे बढ़ाते है, जबकि ये स्वयं इतने भ्रमित होते है कि ये विचारधारा के नाम पर देशद्रोह तक कर डालते है।
- ये अपने विचार को प्रेषित करने के लिए अपने घर, परिवार, देश, धर्म और जाति तक से समझौता कर लेते है।
- स्वार्थ नामक प्रेत के वश में आकर ये धर्म विरोधी बन जाते है और भविष्य में अपनी बच्चो और पीढ़ी का सर्वनाश कर डालते है। जैसे भूतकाल में जोगिन्दर नाथ मंडल नाम के नेता अपने स्वार्थ के लिए देश का बटवारा करने वालो के पक्ष में थे। वे पाकिस्तान में मंत्री भी बने, अपने साथ करोडो लोगो को लेकर गए जिनको उन्होंने स्वयं के स्वार्थ के लिए भ्रमित करके रखा हुआ था। आज उन सबकी पीढ़ी नष्ट हो गयी, ज्यादातर की बेटियों को राक्षसों ने नोच लिया।
- विदेशी लोग विचारधारा के नाम पर इन लोगो का इस्तेमाल धन और पद का लालच देकर करवाती है। क्युकी किसी देश को पीछे करने के लिए यह सबसे कारगर उपाय माना जाता है। उस देश को इतना कमजोर कर दो कि वे सुई से लेकर हवाई जहाज तक के लिए पडोसी देशो पर निर्भर रहे. ऐसे कमजोर पडोसी की जमीन जब मर्ज़ी हो तब हथिया लो, यह सोचकर वे भविष्य के लिए कार्य करते है।
निष्कर्ष -
तो जहाँ से छोड़ा था, उसे ही पकड़ते है कि क्यों कुछ लोग चिल्ला चिल्ला कर 5 साल, 10 साल, या 15 साल से एक ही तरह की बातें बोल रहे है वो भी बिना प्रमाण के। तो कौन है गोदी मीडिया? अब आप समझ गए होंगे क्युकी एक बार श्रीनारद जी ने श्रीभगवान् से पूछा कि प्रभु माया क्या है? तो प्रभु बोले - नारद ! अज्ञानता ही माया है।
इसलिए एक टीवी चैनल, एक वेबसाइट, एक यूट्यूब चैनल, या एक फेसबुक ग्रुप या व्हाट्सप्प ग्रुप की जानकारी से अपने आप को ज्ञानी न माने। हर जानकारी को अलग अलग Sources से पढ़े, और समझे।
व्यक्तिगत सलाह - अगर आपका विवेक जाग्रत हो जाए तो Godi Media का बखान Wikipedia पर किया गया है, आप बस footer नोट में जोड़े गए लिंक और उनके नाम को देख ले। स्वयं समझ में आ जायेगा।
याद रखे - pradeeptomar.com
धर्म की जय हो, अधर्म का नाश हो। जय श्री राम, जय श्री हनुमान। हर हर महादेव
Disclaimer - यह जानकारी - What I Think on Godi Media अर्थात मैं स्वयं क्या सोचता हूँ के बारे में है। इसका किसी नेता, व्यक्ति, धर्म इत्यादि सी कोई सम्बन्ध नहीं है। ये मेरे सिर्फ विचारमात्र है, कोई समाचार नहीं।
आपके कुछ प्रश्नो के संक्षिप्त उत्तर -
गोदी मीडिया से आपका क्या मतलब है?
ऐसा मीडिया जो लोगो को सत्यता से दूर रखता है, अपने शब्दों के जाल में उलझा कर उन्हें भ्रमित रखता है, वे शब्द है - सोचिये, देखिये, क्या होगा? जवाब मांगिये, अधिकार मांगिये इत्यादि , ये सत्यता की पुष्टि तो दूर, समाचार को विदेशी विचारधारा के अनुसार अलग रूप देकर, उसे अलग रूप में प्रस्तुत करते है।
गोदी मीडिया कौन कौन सी है?
इतनी जानकारी देने के बाद, यह जानने के लिए स्वयं विवेक रखना होगा। ज्ञान की शरण में जाए, विवेक की प्राप्ति होगी क्युकी बिना विवेक से कोई भी भ्रम से बाहर नहीं निकल सकता। ज्ञान के लिए उपनिषदों को यूट्यूब पर सुने, और उनसे मन ही मन विवेक प्राप्ति की प्रार्थना करे।
गोदी मीडिया को हम क्यों कहते हैं?
यह शब्द शायद किसी पत्रकार ने अपने उसी व्यवसाय को कलंकित करने के लिए गढ़ा, जिसमे वह स्वयं कार्यरत था। लेकिन जैसे ही विदेशी लोगो से अवार्ड मिला वैसे ही अपने व्यवसाय और व्यवसाय के लोगों की निंदा करने लगा।
गोदी मीडिया का अर्थ क्या है?
गोदी मीडिया एक शब्द है जिसका उपयोग उन मीडिया चैनलों और पत्रकारों के लिए किया जाता है जो देशहित की बात करते है। विदेशी ताकतों से स्वार्थ की प्राप्ति से लोग इसको आगे बढ़ाते है और इन टीवी चैनल्स का अतिराष्ट्रवाद कहकर विरोध करते है। जबकि सत्य यह है कि अतिराष्ट्रवादिता श्रेय की पात्र है, हेय की नहीं।
गोदी मीडिया का मतलब क्या है?
निन्दित लोग हर बात में सिर्फ निंदा ही खोजते है, और निंदा ही करते है, और वे चाहते है की सभी लोग उनके जैसे बन जाये और वे सभी जोगिन्दर नाथ मंडल की तरह स्वयं का और साथ में सबको भ्रमित करके सर्वनाश कर डालना चाहते है। ठीक वैसे ही जैसे स्वयं का होठ कटने पर, अपना खून मीठा लगता है। इसे ही अधर्म कहते है।
गोदी मीडिया कौन सा चैनल है?
ऐसे कई टीवी चैनल्स है, जो अपने स्वार्थ के लिए किसी न किसी राजनितिक पार्टी की गोद में बैठे है। अपने पूर्वजो से पूछेगे तो पता चलेगा कि निम्न कोटि की शक्ति तुरंत सिद्द हो जाती है, लेकिन छोटी सी गलती होने पर आपको ही खा जाती है। ऐसे ही वो राजनितिक पार्टी कभी न कभी उस गोदी मीडिया को भी खा जाती है। क्युकी अधर्म किसी का सगा नहीं होता है। जिनके पूर्वजो ने जोगिन्दरनाथ मंडल का साथ दिया था, ये सोचकर की वे ब्राह्मण और क्षत्रियों की गुलामी नहीं करेंगे, वे यहाँ शूद्र नहीं बनेगे। आज उन करोडो परिवारों की पीढ़ियां समाप्त हो गयी है। जो बचे है उनकी बच्चियां उठायी जा रही है। ये परिवार बांग्लादेश और पाकिस्तान दोनों तरफ थे, जिन्होंने देश के बटवारे का समर्थन किया था, जन्नत के लालच में।
गोदी मीडिया के समाचार या गोदी मीडिया की खबरें क्या है?
वो किसी फिल्म का डायलॉग है न कि "तुम हमारे धंधे में आ तो सकते हो, लेकिन वापस नहीं जा सकते। निंदा के संपर्क में आने वाली आत्मा सिर्फ निंदा ही खोजती है। कृपया उपनिषद पढ़िए, आज पीडीऍफ़ में आसानी से मिल जायेगे, और बहुत छोटे भी है। पता कीजिए कि आप कौन है और क्या है।
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