यह समझना कि आपने Self Digital House Arrest - स्वयं को डिजिटल हाउस अरेस्ट कर लिया है, कुछ विशेष क्रियाकलापों और व्यवहारों को पहचानने पर निर्भर करता है
यह समझना कि आपने स्वयं को डिजिटल हाउस अरेस्ट कर लिया है, कुछ विशेष क्रियाकलापों और व्यवहारों को पहचानने पर निर्भर करता है। यहाँ कुछ संकेत दिए गए हैं जिनसे शायद आप ये सकते हैं कि आप डिजिटल हाउस अरेस्ट में हैं। लेकिन यह बात आप मान जाए ऐसा बहुत मुश्किल है लेकिन असंभव नहीं।
लाइक और फॉलो करे?
यह बात आपने हर वीडियो बनाने वाले और ब्लॉग लिखने वाले व्यक्ति को कहते सुना होगा कि इसी प्रकार की जानकारी पाने के लिए हमें लाइक करे या सब्सक्राइब करे।
जब आप अपनी ही विचार से सम्बंधित लोगो को लाइक और सब्सक्राइब कर लेते है तो डिजिटल सिस्टम आपको उसी विचार से सम्बंधित समाचार, वीडियो, या खबरों को प्रसारित करता रहता है। आपको लगता है जो आप सोचते है वही सही है, बाकी सब गलत है।
लगातार स्क्रीन पर समय बिताना -
हर किसी को स्वयं से अत्यधिक प्रेम होता है, और वह सिर्फ स्वयं के विचारों से सम्बंधित लोग, समाचार, वीडियो, या जानकारी को ही देखना पसंद करते है। इससे अधिकांश समय को कंप्यूटर, स्मार्टफोन, या टेलीविजन के सामने बिताने लगते है। जिससे वे अपने विचारो के कट्टर हो जाते है।
सामाजिक अलगाव -
आप जिन दोस्तों, परिवार के सदस्यों के साथ कभी हसते, खेलते थे, जब उनके विचार आपके विचार से मेल नहीं खाते तो आप उनसे दूरी बनाना शुरू कर देते है। आपको लगता है आप ही अकेले सही है, और वो सही है जिनके आप विचारो को सुन या देख रहे है।
बाहर जाने की अनिच्छा -
यदि आपको बाहर जाने, ताजा हवा लेने, या किसी सामाजिक गतिविधि में शामिल होने का मन नहीं करता है और आप हमेशा घर में ही रहना पसंद करते हैं, तो यह एक चेतावनी हो सकती है। क्युकी अब आपने स्वयं को हाउस अरेस्ट कर लिया है। जिसे भ्रमित होना भी कहते है। आप जिनके वीडियो, ब्लॉग, या सोशल मीडिया में जिनके विचारो को सुनते, देखते, और नकारात्मक कमेंट करते है वह आपके जीवन में बहरूपियाँ का काम कर रहा है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव -
शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण वजन बढ़ना, आंखों में थकान, पीठ दर्द, चिड़चिड़ापन, अशांति और गृह क्लेश या अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
नियमित दिनचर्या का अभाव -
भ्रमित होने के कारण आपकी दिनचर्या अनियमित हो गई है, जैसे कि सोने और उठने का समय, खाने का समय, और शारीरिक गतिविधियों का समय। जिस समय का सदुपयोग आपको आध्यात्मिक और भौतिक वृध्दि के लिए करना चाहिए था, उस कीमती समय को बहरूपिये अपनी कमाई या स्वार्थ के लिए आपसे छीन लेते है।
उत्पादकता में कमी-
आप अपने काम, पढ़ाई, या अन्य जिम्मेदारियों में कम उत्पादक महसूस कर रहे हैं और लगातार आलस्य और थकान का अनुभव कर रहे हैं। तो यह आप अपने जीवन से अपने विचारो को अत्यधिक प्रेम करने की कीमत चूका रहे है। जिसका भविष्य गरीबी, गृह क्लेश, मानसिक बीमारी, शारीरिक बीमारी और यहाँ तक की देश द्रोही और धर्म विरोधी तक बना देती है।
मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव -
भ्रमित होने के बाद जब कोई आपके विचारो के विपरीत बात करता है तो आपको चिंता, अवसाद, या अकेलापन महसूस करने जैसी स्थिति तक बन जाती है। अर्थात स्क्रीन टाइम और सामाजिक अलगाव से बढ़ सकता है। क्युकी जिन्हे आप फॉलो या सब्सक्राइब करते है, वे आपको अन्य सत्य से दूर रहने के लिए भी कहते है, जैसे कि मीडिया से दूर रहो, वे झूठे है। सिर्फ इनके वीडियो को ही देखे, ये क्रन्तिकारी है। कभी जाति, कभी धर्म, कभी गरीबी का नाम लेकर आपको अपने ही शास्त्रों के खिलाफ करेंगे ताकि आप ज्ञान से दूर हो जाए। क्युकी अज्ञानता ही असली माया है।
नकारात्मक सोच -
अज्ञानता के कारण किसी बहरूपियाँ की माया से भ्रमित होने के कारण ऐसा व्यक्ति बाहर जाने या सामाजिक गतिविधियों में शामिल होने के विचार से डर या चिंता महसूस करता है । ऐसा व्यक्ति सबसे पहले अपने धर्म का विरोधी होता है, फिर राष्ट्र का विरोधी और अंत में अपना पीढ़ी सहित अंत कर लेता है।
अगर आप इनमें से कुछ संकेतों को पहचानते हैं, तो यह संभव है कि आपने स्वयं को डिजिटल हाउस अरेस्ट कर लिया है।
इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए कुछ सुझाव -
रूटीन सेट करें -
एक दैनिक रूटीन बनाएं जिसमें बाहर जाने, व्यायाम करने, शास्त्रों को सुनने और सामाजिक गतिविधियों के लिए समय निर्धारित हो। अगर कोई आपसे वेद, पुराणों, शास्त्रों में भेदभाव, ऊंच-नीच इत्यादि बातें बताकर बरगलाता है तो स्वयं सुने या पढ़े।
सामाजिक संपर्क बढ़ाएं -
दोस्तों और परिवार के साथ व्यक्तिगत रूप से मिलने की कोशिश करें। और सभी के विचारो को सुने, और नकारात्मक भाव को त्यागे।
फिजिकल एक्टिविटी -
रोज़ाना कुछ शारीरिक गतिविधि अवश्य करें, चाहे वह चलना हो, योगा हो, या कोई खेल खेलना हो। अगर आप आस्तिक है तो अपने इष्ट का ध्यान करे, नास्तिक है तो अकेले में बैठकर सभी विचारो को त्यागकर ब्रह्माण्ड की रचना के बारे में सोचे।
स्क्रीन टाइम लिमिट करें -
अपने स्क्रीन टाइम को सीमित करने के लिए समय सीमा निर्धारित करें और इसका पालन करें। हमेशा उन समाचार और जानकारी को आँख बंद करके विश्वास न करे, जिन्हे आपने फॉलो या सब्सक्राइब किया है। उसके बारे में सोचे की वो समाज के लिए स्वयं के स्वार्थ का त्याग कर रहा है, या स्वार्थ का लालच देकर आपको भ्रमित कर रहा है।
नई हॉबीज खोजें -
ऐसी गतिविधियाँ खोजें जो आपको आनंदित करें और आपको स्क्रीन से दूर रखें, जैसे कि पेंटिंग, गार्डनिंग, या क्लासिक या शास्त्रीय म्यूजिक बजाना।
प्रोफेशनल मदद लें -
यदि आपको लगता है कि आप खुद से इस समस्या को हल नहीं कर पा रहे हैं, तो एक मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श लें।
स्वयं को डिजिटल हाउस अरेस्ट से मुक्त करना महत्वपूर्ण है ताकि आप शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ जीवन जी सकें। क्युकी मनुष्य का वास्तविक उदेश्य आध्यात्मिक और भौतिक वृध्दि करना है। लेकिन बहरूपिये हज़ारो तरीके से आपके विश्वास को तोड़कर बुद्धि पर राज करते है, जैसे कि मनु से उत्पन्न मनुष्य को मनु के खिलाफ करके, ज्ञान, धर्म, कर्तव्य से वंचित कर देते है।
आपको ये जानकारी कैसी लगी कमेंट के माध्यम से अवश्य बताये।
डिस्क्लेमर - यह जानकारी मेरे स्वयं के मनोभाव पर आधारित है। सकरात्मकता लगे तो ग्रहण करे और नकारात्मकता दिखे तो क्षमा करे।
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