प्रथम दृष्टि में यह बिल्कुल सत्य प्रतीत होता है कि आधुनिक विज्ञान सनातन विज्ञान से पीछे है। क्युकी अगर आप सनातन विज्ञान और आज के विज्ञान की ...
प्रथम दृष्टि में यह बिल्कुल सत्य प्रतीत होता है कि आधुनिक विज्ञान सनातन विज्ञान से पीछे है। क्युकी अगर आप सनातन विज्ञान और आज के विज्ञान की तुलना करेंगे तो पाएंगे कि आज का विज्ञान सनातन विज्ञान से हज़ारो वर्ष पीछे है। अगर आप इस जानकारी को अपनी विचारधारा को पॉकेट में रखकर पढ़ेंगे तो अवश्य ही कुछ न कुछ अजब गजब जानकारी पढ़ने को मिलेगी। तो जानते है कि क्या आधुनिक विज्ञान सनातन विज्ञान से पीछे है? What I Think ?
आधुनिक विज्ञान से प्रश्न -
जब शरीर मरता है तो पहले क्या बंद होता है। जैसे कि वाणी दृष्टि आवाज़ मन या स्वांस?
तो ज्यादातर जानकारी प्राप्त होती है या उत्तर मिलेगा कि साँस रुकने से ह्रदय गति रुक जाती है जिससे खून का बहना बंद होता है और शरीर के एक एक अंग धीरे धीरे काम करना बंद कर देते है।
सनातन विज्ञान से प्रश्न -
जब म्रत्यु होती है तब? पहले क्या बंद होता है। जैसे कि वाणी दृष्टि सुनना मन या स्वांस?
आपको बता दे कि सनातन विज्ञान इस बारे में विस्तार से बताता है और यह मेरा व्यक्तिगत अनुभव भी है क्युकी कुछ लोगो के अंतिम समय में उनके निकट रहने का समय मिला था। आप भी रहकर देखिए और बताइये अपने अनुभव
सनातन विज्ञान के अनुसार -
- सबसे पहले व्यक्ति कि वाणी बंद होती है लेकिन वह तब भी वह देख सुन सोच और स्वास ले सकता है।
- फिर व्यक्ति की वाणी और देखना बंद होता है लेकिन फिर भी वह सुन सोच और स्वास ले सकता है।
- फिर व्यक्ति की वाणी देखना सुनना बंद होता है लेकिन फिर भी वह सोच और स्वास ले सकता है।
- फिर व्यक्ति की वाणी देखना सुनना सोचना बंद होता है लेकिन फिर भी वह स्वास ले सकता है यह बेहोशी की स्थिति होती है।
- फिर व्यक्ति की वाणी देखना सुनना सोचना बंद होता है लेकिन फिर भी वह स्वास ले सकता है यह बेहोशी की स्थिति होती है।
- फिर व्यक्ति की वाणी देखना सुनना सोचना और साँस लेना बंद होता है लेकिन फिर भी शेष बचता है, वह है मन। यह मृत्यु की स्थिति होती है। लेकिन मन उपस्थित रहता है।
और फिर व्यक्ति के अपने ज्ञान के अनुसार उसका मन छूटता है। अगर अज्ञान से ग्रसित मन है तो यह भटकता है, जिसे आत्मा का भटकना कहते है, अगर ज्ञान है तो उसे पता होता है कि उसे कहा जाना है और क्या करना है, और किससे बचना है।
तो क्या मन ही आत्मा है ?
नहीं, फ़िलहाल ऐसा समझ सकते है कि जिस शक्ति से मन चलायमान है, उसमे कई जन्मो के रिकॉर्ड पड़े है, उस शक्ति को आत्मा कह सकते है। यह अपने अपने कई जन्मो के कारण मलिन या स्वच्छ रहती है।
हालाँकि कुछ लोग सनातन साइंस को Vedic Science / ancient science / traditional science भी कहते है। क्युकी सनातन धर्म इस पृथ्वी का सबसे पुराना सत्य धर्म है। सनातन का अर्थ है सत्य जो हमेशा रहता है।
तो अब आप स्वयं सोचिये कि आधुनिक विज्ञान और सनातन विज्ञान में क्या अंतर है (Modern Science vs Vedic Science)। आपको क्या लगता है अपने विचार मुझे तक कमेंट के माध्यम से अवश्य पहुचाये।
डिस्क्लेमर - इस जानकारी का तात्पर्य आधुनिक विज्ञान और Sanatan Vigyan को एक दूसरे के विरुद्ध खड़ा करना नहीं है। बल्कि दोनों के सहयोग से मानव कल्याण है। इसमें किसी को भी हेय की दृष्टि से नहीं देखा गया है, बल्कि दोनों श्रेय के पात्र है। क्युकी दोनों का अंतिम उदेश्य मानव कल्याण और मानव हित है।
सनातन विज्ञान के बारे अन्य जानकारी आपको यहाँ से (सनातन विज्ञान ) जल्दी मिलनी शुरू हो जाएगी।
जय जय श्री सीताराम ! जय श्री हनुमान ! हर हर महादेव
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