एक गन्दी मछली और मलिच्छों द्वारा अजमेर और भोपाल कांड

कैसे हिन्दू बच्चियां माता की शरणागत होकर स्वयं की रक्षा कर सकती है। एक गन्दी मछली और मलिच्छों द्वारा अजमेर और भोपाल कांड. जाने म्लेच्छ कौन है?

भोपाल कांड - अगर आप हिन्दू लड़की के माता पिता या स्वयं हिन्दू लड़की है तो आपको अजमेर 92 कांड के बारे में जानकारी न हो ऐसा मुश्किल है। और अब उसी प्लान पर सामने आया है भोपाल कांड। 

यहाँ पर भी एक गन्दी मछली पूरे तालाब को गन्दा करती है। फिर मलिच्छ तो गंदे होते ही है, चाहे तो खबीश और जिन्न के रूपों को कही से पढ़ लो, समझ लो या अपने पूर्वजो से पूछ लो, अगर कोई बूढ़ा पुराना रहता है आपके घर में तो। 

मीडिया और सरकार के लोग ऐसे कांड पर खुलकर नहीं बताते है, क्युकी ये छल  कपट का सहारा लेकर किया हुआ आतंकी हमला है। ये खबीश, और जिन्न से भी गिरी हुयी मानसिकता रखने वाले और ईमान के शैतान के लोगो द्वारा किया जाता है। 

एक गन्दी मछली पूरे तालाब को गन्दा करती है। कैसे? -

यह एक गन्दी मछली वह मछली है जो पहली बार  किसी मलिच्छ के चंगुल में फसती है, क्युकी वे अपने वशीकरण तंत्र का प्रयोग करते है, जैसे चोकलेट या किसी भी खाने पीने की चीज़ो में मांस अपशिष्ट, थूक कर, फूंक कर या मूत कर उसमे इसके अंश मिला देते है,  जिसके खाने पर वह वशीकरण का शिकार हो जाती है। 

शायद इसलिए हमारे पूर्वजो ने किसी भी मलिच्छ के हाथ से बना खाना या उसके साथ  खाने को मना किया है, लेकिन आक्रमणकरियों ने इसे जातिवाद से जोड़ दिया। 

आक्रमणकरियों ने इसे जातिवाद से कैसे जोड़ा? -

सबसे पहले उन्होंने लालची या स्वार्थी लोगो को अपने वश में किया, फिर उन्होंने गाय का मांस खिलाकर उन्हें समाज से दूर करवाया, क्युकी समाज के लोग आज भी उन लोगो से दूर रहते है या छुआछूत करते है जो गाय का मांस खाते है, ठीक वैसे ही जैसे कुछ लोग सूअर का मांस खाने वालो से घृणा करते है। खैर, हम जातिवाद और मलिच्छ इस बारे में बात फिर कभी करेंगे। 


फिर वो गन्दी मछली जो सर्वप्रथम  किसी मलिच्छ के जाल में फसी थी, अब वह स्वयं को बचाने के लिए या अन्य दुसरो को भी अपने जैसा बनाने के लिए अपनी उन्ही दोस्तों को शिकार बनाती है जो उन पर जान से ज्यादा विश्वास करती है। फिर के बाद एक मछली गन्दी बनती जाती है, और धीरे धीरे पूरा तालाब गन्दा हो जाता है। 

लड़कियां कैसे पहचाने की उनके ग्रुप में गन्दी मछली है? -

यहाँ में कुछ विवरण दे सकता हूँ जिनसे आपको समझ में आएगा कि आप लड़कियों के ग्रुप में कोई गन्दी मछली तो नहीं है। -

  1. ऐसी लड़की जो कई कई लड़को से फ़ोन पर बात करती हो, और ऐसा करते समय उसे किसी की धर्म या जाति से कोई मतलब न हो। 
  2. ऐसी लड़की जो बार बार अपने ग्रुप की लड़कियों को किसी विधर्मी बॉयफ्रेंड से मिलवाने के लिए बार बार मिन्नतें, या रिक्वेस्ट करे। 
  3. ऐसी लड़की जो अपने ग्रुप की लड़कियों को मंगलवार या शनिबार को मीट मांस खाने के लिए बाध्य करे, जैसे कि चिकन मोमोस, चिकन चाउमीन, चिकन बर्गर इत्यादि। 
  4. ऐसी लड़की जो अपने ग्रुप की लड़कियों को सिगरेट, बियर के लिए प्रेरित करे।

अगर कोई ऐसी लड़की आपके ग्रुप में है तो समझो वो किसी निम्न कोटि अर्थात पतित परिवार से सम्बन्ध रखती है, ऐसी आदतों को जानने के बाद उसे अपने ग्रुप में नहीं रखना चाहिए, अगर ग्रुप में है भी तो सावधान रहे। क्युकी -

मलिच्छों की नज़र उस गन्दी मछली से ज्यादा उन क्षत्रिय या उनसे भी ज्यादा उन ब्राह्मण लड़कियों पर रहती है जिनके पास उनके पूर्वजो द्वारा प्रदत्त और स्वयं से अर्जित  सबसे ज्यादा पुण्य रहते है। जिसका उन्हें ज्ञान उन्हें भी नहीं होता है। 

(मनुष्य को ब्राह्मण वंश में जन्म अति दुर्लभ होता है, अगर पिछले जन्मो के अर्जित पुण्य अधिक है तो, क्युकी एक वेदपाठी, त्रिकाल संध्या करने वाला ब्राह्मण ही भगवान् के सबसे निकट होता है, और ऐसे ब्राह्मणो की रक्षा के लिए भगवान् स्वयं भी प्रकट हो जाते है।) 

इसलिए अजमेर 92 कांड के बाद भोपाल कांड और इस कांड के बाद अन्य कांड होते रहेंगे अगर आप या आपके बच्चे अपने ज्ञान से दूर है। तो जितना दोषी मलिच्छ है अपने कृत्य के लिए तो उससे कम दोषी वो गन्दी मछली भी नहीं है, जिसने किसी भी कारणवश अन्य के भी धर्म नष्ट किये। 

लेकिन अगर वो पहली मछली अपनी गलती पर स्वयं का ही  बलिदान देकर दुसरो को नहीं बुलाती या फसाती । तो कई बच्चियों की लाज, धर्म  बच जाती। 

क्या करे -

हिन्दू लड़कियों को चाहिए की वे हर सुबह माँ कामाख्या कवच  का पाठ श्री महादेव को गुरु मानकर, अपने कुल देवताओं और पित्तरो को साक्षी रखकर, अपने और अपने परिवार की रक्षा हेतु करे। केवल माँ कामाख्या कवच ही है जिसे कोई भी स्त्री अपने मासिक धर्म के दौरान स्नान आदि के बाद भी कर सकती है, अगर घर से बाहर निकलना पड़ रहा है तो । 

ऐसा करने पर जैसे ही आपके ग्रुप में कोई गन्दी मछली धोखे से शामिल होगी आप उसे तुरंत पहचान जाएगी। साथ ही साथ आप पर माता की साक्षात् कृपा भी रहेगी।

एक गन्दी मछली और मलिच्छों द्वारा अजमेर और भोपाल कांड


नोट - ध्यान दे मलिच्छ का अर्थ यहाँ किसी मजहब से नहीं, बल्कि उसके आचरण से  है।  जाने म्लेच्छ कौन है? और गन्दी मछली से तात्पर्य गंदे आचरणों और विचारो से है, किसी स्त्री या पुरुष से नहीं। 


डिस्क्लेमर - यह एक ब्लॉग मात्र है, जिसमे एक साधारण से जानकारी दी गयी है कि कैसे हिन्दू बच्चियां माता की शरणागत होकर स्वयं की रक्षा कर सकती है। इसका किसी अन्य जाति, धर्म से कोई सम्बन्ध नहीं है। अगर प्रतीत होता है तो कल्पना मात्र है। 

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एक गन्दी मछली और मलिच्छों द्वारा अजमेर और भोपाल कांड
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