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यह ब्लॉग किसी एक नेता के बारे में नहीं है बस मस्तिष्क में विचार आया तो जानने की कोशिश की जो पता चला वो कुछ अलग ही लेवल का था तो अपने मित्रो को बताना आवश्यक समझा।
आप जब भी विवादित बयान सुनते होंगे तो अनुभव करते होंगे, कि क्या इन नेताओ को किसी की भावना की फ़िक्र बिलकुल भी नहीं है? ये क्यों कभी ब्राह्मण, कभी सूद्र, कभी धर्म आदि को लेकर कुछ भी बोलते है, कभी कभी तो धर्म पुस्तक भी फाड़ देते है, वो भी प्रदर्शन के नाम पर, मीडिया के सामने। ।
वो इसलिए -
- इन नेताओ ने सोशल मीडिया पर ग्रूपो को मैनेज करने के लिए लड़के रखे होते है।
- ये लड़के सोशल मीडिया पर ग्रूप में सिर्फ अपनी ही सोच के लोगो को ही ज्वाइन करवाते है
- जैसे कि हिन्दुओं के अलग, मुस्लिम के अलग, ईसाइयो के अलग, ठीक इसी प्रकार से अलग अलग जाति के लिए अलग अलग ग्रुप जैसे कि ब्राह्मण, क्षत्रिय, दलित, आदिवासी शब्द को चुनकर ग्रुप बनाते है और उन्हें हैंडल करते है।
- इन ग्रूपो में उसी नेता का वही विवादित बयान काट कर बार-बार दिखाया जाता है और कहा जाता है कि ये नेता शेर है, जुझारू है, टक्कर लेने वाला है। चूँकि उस ग्रुप में सब उसकी सोच या विचारधारा वाले लोग होते है तो सभी लोग किसी भी धर्म, किसी भी जाति के अपमान पर वाह वाह करते है।
- इतने लोगो की वाही वाही देखकर नेता को अपना बयान ठीक लगता है और वह ये कार्य बार बार करता है बेशक चाहे किसी अन्य धर्म या जाति को बुरा लगने वाला ही क्यों न हो।
- आप अगर किसी अन्य पार्टी के नेता, सोच या विचारधारा वाले ग्रुप में झांक कर देखेंगे तो पता चलेगा ऐसा ऐसा झूठ चल रहा है जिसे कोई भी सरकारी या प्राइवेट मीडिया बिना किसी आधार या प्रमाण के दिखा नहीं सकता। ये लोग उस पर भी लोगो को भड़काते है कि मीडिया में हिम्मत नहीं है कि ये दिखा दे या वो दिखा दे। क्युकी कोई भी मीडिया कोई भी झूठ बिना किसी आधार या प्रमाण के नहीं दिखा सकता।
- लेकिन कुछ मीडिया में भी तुर्रम खां या शेर सिंह है जो गलत न्यूज़ को सही और सही न्यूज़ को गलत भी बताने का हुनर रखते है इसके लिए वे कुछ शब्दों का इस्तेमाल करते है जैसे कि - आप सोचिये, आप समझिये, अमूमन ऐसा हुआ, क्या होगा, कैसे होगा, होते कौन है इत्यादि शब्द। अर्थात शब्दों के मायाजाल से जरूर भ्रमित करते है।
- इन नेताओ के सोशल मीडिया हैंडलर 24 घंटे यही कटी छटी झूठे बयान ब्रॉडकास्ट करते रहते है जिन्हे मीडिया कभी कभी इग्नोर करता है। क्युकी उसका कोई आधार नहीं होता है।
- नेता विवादित बयान देते हुए मीडिया में लगे रहते हैं जिससे उनका नाम और उनकी बातें लोगों तक पहुँचती हैं जो उन्हें जानते नहीं होते।
- विवादित या झूठे बयान से उन्हें मीडिया का ध्यान मिलता है और उनके मुद्दों को सामने लाने में मदद मिलती है।
- विवादित बयान देने से नेता अपने नेतृत्व में मजबूती दिखाते हैं और अपने पक्ष को सार्थकता दिखाते हैं। हालांकि, यदि बयान अपमानजनक होता है तो उनकी इसके लिए माफी मांगनी भी पड़ सकती है।
अगर आपको लगता है कि नेता विवादित बयान क्यों देते है? का कारण जो मेने बताया है वो सही नहीं है तो आप ऐसे शब्दों से बने सोशल मीडिया ग्रुप में ताँका झांकी करके देख सकते है।
हालाँकि हो सकता है ग्रुप ज्वाइन करने की आपकी रिक्वेस्ट 99 प्रतिशत रिजेक्ट होगी अगर आपकी प्रोफाइल और आपके प्रोफाइल के लोग उनके हिसाब से नहीं हुए तो।
इसी प्रकार से समझिये की -
लोग विवादित किताब क्यों लिखते है? क्या कारण हो सकता है?
क्या सोशल मीडिया पर सभी वीडियो सही होते है?
एक गलत वोट देश में अतिक्रमण को बढ़ावा देता है?
Note: यह ब्लॉग पोस्ट किसी एक नेता, किसी पार्टी, कोई सरकारी एजेंसी का किसी के बारे में व्यक्तिगत नहीं है, यह मन या मतिष्क का भाव मात्र है।
अगर मेरी जानकारी आपको पसंद आती है तो मुझे फॉलो करे, और पोस्ट के अपडेट सबसे पहले पाए।
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